MC Court Shimla Sanjauli Mosque Masjid controversy case | संजौली मस्जिद केस की सुनवाई टली: एक एडवोकेट की डेथ बनी बजह, वक्फ बोर्ड को पेश करने थे जमीन के दस्तावेज, 19 अप्रैल की तारीख – Shimla News

नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेशों पर मस्जिद के ऊपर की तीन मंजिल को तोड़ते हुए मजदूर

शिमला नगर निगम आयुक्त कोर्ट में आज संजौली मस्जिद मामले में सुनवाई टल गई है। अदालत में आज हिमाचल वक्फ बोर्ड को मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक का जवाब देना था। मगर शिमला बार काउंसिल के एडवोकेट की मौत की वजह से आज अधिवक्ता पेश नहीं हो पाए। इसे देखते हुए

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बता दें कि हाईकोर्ट ने बीते सप्ताह लोकल रेजिडेंट की याचिका पर फैसला सुनाते हुए 8 मई तक निगम आयुक्त को संजौली मस्जिद केस निपटाने के आदेश दिए हैं। ऐसा नहीं करने पर निगम के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

हाईकोर्ट के आदेशों पर आज उम्मीद की जा रही है कि जल्द संजौली मस्जिद की निचली दो मंजिल को लेकर भी अदालत अपना फैसला सुनाएगी। ऊपर की तीन मंजिल को पहले ही तोड़ने के निगम अदालत बीते साल 5 अक्टूबर को ही आदेश दे चुकी है। इसके बाद मस्जिद को तोड़ने का काम जारी है।

अब निचली दो मंजिल को लेकर अदालत के फैसले पर सबकी नजरे टिकी है।

16 साल से निगम आयुक्त कोर्ट में चल रहा केस

संजौली मस्जिद मामला 16 सालों से निगम आयुक्त कोर्ट में चल रहा है। इस वजह से लोकल रेजिडेंट ने हाईकोर्ट में याचिका डालकर इस केस का जल्दी निपटारा करने की अर्जी डाली थी। बीते साल 21 अक्टूबर को भी हाईकोर्ट ने MC आयुक्त शिमला को 20 दिसंबर 2024 तक इस केस को निपटाने के आदेश दिए थे। मगर कोर्ट के आदेशों की अनुपालना नहीं है। लिहाजा लोकल रेजिडेंट दोबारा हाईकोर्ट पहुंचे। इस पर ने संजौली मस्जिद केस निपटाने के लिए 8 मार्च तक की मोहलत दी है।

शिमला से पूरे प्रदेश में भड़की थी चिंगारी

शिमला की संजौली मस्जिद के कारण बीते साल पूरे प्रदेश में बवाल मच गया था। शिमला के मल्याणा में 31 अगस्त को एक समुदाय के लोगों द्वारा स्थानीय व्यक्ति की पिटाई करने के बाद इस मामले में तूल पकड़ा था। इसके बाद प्रदेश के सभी शहरों में प्रदर्शन किए गए।

इसके बाद मंडी की मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने के भी आदेश नगर निगम आयुक्त मंडी द्वारा दिए गए। प्रदेश में मस्जिद और मजार के खिलाफ जगह जगह प्रदर्शन किए गए।