28 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Health Desk: ब्रेन ट्यूमर के खतरनाक रूप ग्लियोब्लास्टोमा के इलाज में मिली सफलता, रूसी वैज्ञानिकों ने बनाई नई डिवाइस नई दिल्ली: ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जिससे हर साल दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत होती है। इसका सबसे घातक रूप ग्लियोब्लास्टोमा (Glioblastoma) है, जो मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में ग्लियाल कोशिकाओं से शुरू होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल इस प्रकार के ट्यूमर के कारण करीब दो लाख लोगों की मौत होती है।
ग्लियोब्लास्टोमा एक तेजी से बढ़ने वाला, आक्रामक ब्रेन ट्यूमर है, जो मुख्य रूप से वयस्कों को प्रभावित करता है। अब तक इस कैंसर का कोई प्रभावी इलाज मौजूद नहीं था, लेकिन एक नई खोज ने इस दिशा में उम्मीद की किरण जगाई है।
रूसी वैज्ञानिकों ने तैयार किया कारगर डिवाइस
इंस्टीट्यूट ऑफ बायोनिक टेक्नोलॉजीज एंड इंजीनियरिंग के वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक विशेष माइक्रोफ्लुइडिक प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जो मस्तिष्क में रक्त प्रवाह की नकल करता है। इस तकनीक की मदद से ग्लियोब्लास्टोमा के उपचार की प्रभावशीलता में काफी सुधार किया जा सकता है।
इस प्लेटफॉर्म को रेड लाइट के संपर्क में लाने पर आयन चैनल सक्रिय हो जाते हैं, जिससे कीमोथेरेपी दवाओं का अवशोषण बढ़ जाता है। इससे दवाएं सीधे कैंसर कोशिकाओं में अधिक प्रभावी ढंग से प्रवेश कर पाती हैं और उन्हें खत्म करने में ज्यादा कारगर होती हैं।
95-98% कैंसर कोशिकाओं का सफाया
शोध का नेतृत्व कर रहे एसोसिएट प्रोफेसर अलेक्जेंडर मार्कोव के अनुसार, “आयन चैनल पंप की तरह काम करते हैं। रेड लाइट उनकी गतिविधि बढ़ाकर दवा को अधिक असरदार बना देती है।” प्रयोगशाला परीक्षणों में यह डिवाइस 95-98% तक ग्लियोब्लास्टोमा कोशिकाओं को नष्ट करने में सफल रही, जो कि पारंपरिक इलाज की तुलना में पांच गुना अधिक प्रभावी है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तकनीक भविष्य में अन्य प्रकार के कैंसर के इलाज में भी कारगर हो सकती है। हालांकि, इसके लिए अभी और शोध की आवश्यकता है।
ग्लियोब्लास्टोमा के लक्षण और जोखिम
यह ट्यूमर तेज़ी से फैलता है और स्वस्थ मस्तिष्क ऊतकों पर हमला कर उन्हें नष्ट करता है। इसके लक्षणों में शामिल हैं:
तेज़ सिरदर्द
मतली और उल्टी
धुंधली दृष्टि
बोलने में दिक्कत
संवेदना में कमी
दौरे पड़ना
किन लोगों को अधिक खतरा?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह कैंसर अधिकतर बुजुर्गों में देखा जाता है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। जो लोग अधिक समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहते हैं या जिनके परिवार में इस बीमारी का इतिहास रहा है, उन्हें इसका खतरा अधिक होता है।
बचाव और निष्कर्ष
हालांकि फिलहाल ग्लियोब्लास्टोमा को पूरी तरह से रोकने का कोई तरीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन जोखिम कारकों से बचाव और शुरुआती लक्षणों की पहचान से जान बचाई जा सकती है। वैज्ञानिकों की यह नई खोज ग्लियोब्लास्टोमा के इलाज की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।