06 सितम्बर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Rashifal Desk: चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025: समय, सूतक काल और राशियों पर प्रभाव
साल 2025 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लगने जा रहा है। यह ग्रहण खगोलीय, धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू धर्म में इसे अशुभ अवधि के रूप में देखा जाता है, इसलिए इस समय कई नियमों का पालन किया जाता है। वहीं ज्योतिष में इसका असर 12 राशियों और 27 नक्षत्रों पर पड़ता है, जिससे कुछ जातकों को लाभ और कुछ को परेशानियां हो सकती हैं।
चंद्र ग्रहण का समय
प्रारंभ: 7 सितंबर, रात 9:58 बजे
समापन: 7 सितंबर, देर रात 1:26 बजे
प्रकार: पूर्ण चंद्र ग्रहण
दृश्य क्षेत्र: भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अफ्रीका, एशिया, यूरोप, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्से
सूतक काल
सूतक काल ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले लगना शुरू होता है। इस वर्ष 7 सितंबर को दोपहर 12:59 बजे से सूतक काल मान्य होगा। इस दौरान ध्यान और मंत्र जाप करना शुभ होता है।
राशियों पर ज्योतिषीय प्रभाव
शुभ प्रभाव: मेष, वृषभ, कन्या और धनु राशि वालों के लिए लाभकारी, धन और करियर में सफलता, वैवाहिक सुख
सावधानी: मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों को यात्रा और नए कार्य में रोक-टोक बरतनी चाहिए, व्यापार में चुनौतियों का सामना हो सकता है
दान के सुझाव (राशि अनुसार)
मेष: लाल मसूर की दाल
वृषभ: सफेद चीजें
मिथुन: हरे वस्त्र
कर्क: मिश्री युक्त दूध
सिंह: गुड़
कन्या: हरी मूंग
तुला: चावल और घी
वृश्चिक: लाल रंग की चीजें
धनु: दाल
मकर: तिल
कुंभ: तेल
मीन: हल्दी
ग्रहण काल में क्या न करें
भोजन ग्रहण या रसोई का काम न करें
सोना या तेल न लगाएं
बाल और नाखून न काटें
खरीदारी या किसी पूजा स्थल को छूना न करें
गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर न जाना
आसमान या सूर्य/चंद्रमा को न देखें
ग्रहण योग और मंत्र
इस बार चंद्र ग्रहण कुंभ राशि में और नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में लग रहा है। राहु की उपस्थिति के कारण ग्रहण योग बनेगा।
भगवान विष्णु गायत्री मंत्र:
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात
भगवान विष्णु बीज मंत्र:
ॐ बृं बृहस्पतये नमः
महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ हौं जूं स: ॐ भुर्भव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…
यह जानकारी ज्योतिष, पंचांग और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।