16 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Business Desk: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक कुल 1 फीसदी की ब्याज दर में कटौती की है। हालांकि, पिछली दो पॉलिसी मीटिंग्स—अगस्त और अक्टूबर—में ब्याज दरों को होल्ड रखा गया था। लेकिन अब RBI की हालिया बैठक के मिनट्स से संकेत मिल रहे हैं कि दिसंबर में ब्याज दरों में फिर से कटौती देखने को मिल सकती है, जिसका सीधा असर आम लोगों की लोन EMI पर पड़ेगा।
दिसंबर में सस्ती हो सकती है EMI
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हालिया MPC बैठक में संकेत दिए कि महंगाई में कमी और अर्थव्यवस्था की बेहतर स्थिति को देखते हुए ब्याज दरों में और कमी की गुंजाइश बनी हुई है। उन्होंने कहा कि “ग्रॉस और कोर महंगाई में सुधार से नीतिगत दरों में कटौती की संभावना बढ़ी है, लेकिन इसका वांछित प्रभाव सही समय पर देखने को मिलेगा।”
फेड रिजर्व के बाद अब RBI का संकेत
फेडरल रिजर्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल के ब्याज दरों में कमी के संकेत के बाद अब RBI गवर्नर का बयान इस ओर इशारा करता है कि दिसंबर की MPC बैठक में EMI सस्ती हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि RBI दिसंबर में 25 बेसिस प्वाइंट (0.25%) की कटौती कर सकता है और फरवरी 2026 की बैठक में एक और कटौती की संभावना खुली रखेगा। इससे मौजूदा वित्त वर्ष में कुल 50 बेसिस प्वाइंट (0.5%) की और कमी देखने को मिल सकती है।
अक्टूबर में क्यों नहीं घटाई गई दरें?
RBI गवर्नर ने बताया कि अक्टूबर में दरें न घटाने की वजह यह थी कि उस समय दर में कटौती का वांछित प्रभाव नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि फिलहाल लक्ष्य विकास को समर्थन देने वाली परिस्थितियों को बरकरार रखना है। डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता ने भी बैठक में कहा कि “विकास और मुद्रास्फीति दोनों के बीच संतुलन ने नीतिगत दरों को और कम करने की गुंजाइश पैदा की है।”
दिसंबर में होगी अहम बैठक
अगली मौद्रिक नीति समिति की बैठक 3 से 5 दिसंबर 2025 के बीच होगी। फरवरी से जून के बीच RBI ने तीन बार दरों में कटौती की थी — फरवरी और अप्रैल में 25-25 बेसिस प्वाइंट, जबकि जून में 50 बेसिस प्वाइंट। इस तरह कुल 1 फीसदी की कटौती की जा चुकी है। अब नजर दिसंबर की बैठक पर है, जहां से EMI में राहत की उम्मीद बढ़ गई है।