नई कलमें नई उड़ान” बाल साहित्य पुस्तक का लोकार्पण समारोह संपन्न

फाजिल्का, 19 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Education Desk: पंजाबी भाषा और साहित्य को प्रोत्साहन देने तथा हर घर, कार्यालय और संस्था तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘पंजाब भवन सरी, कनाडा’ के संस्थापक श्री सुखी बाठ की अगुवाई में चल रहे स्कूल छात्रों के प्रोजेक्ट “नई कलमें नई उड़ान” के अंतर्गत 17 जुलाई को मलोट स्थित सेतिया होटल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में जिला श्री मुक्तसर साहिब और फाजिल्का के भाग 59 और 60 बाल साहित्य पुस्तकों का औपचारिक लोकार्पण किया गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रोजेक्ट “नई कलमें नई उड़ान” की जिला फाजिल्का प्रमुख श्रीमती सोनिया बजाज ने बताया कि यह जिला फाजिल्का की दूसरी पुस्तक है, जिसके संपादन का कार्य श्रीमती नीतू अरोड़ा द्वारा किया गया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में उनके द्वारा संपादित कविता संग्रह “साहां दा संगीत” सहज पब्लिकेशन से प्रकाशित हुआ है, जिसे पाठकों द्वारा खूब सराहा जा रहा है।

इस पुस्तक के प्रकाशन में प्रोजेक्ट इंचार्ज उंकार सिंह भेजे, संस्थापक सुखी बाठ (पंजाब भवन, सरी, कनाडा) की नेतृत्व भूमिका रही, वहीं सहयोगी टीम में सिमलजीत सिंह (जिला मीडिया कोऑर्डिनेटर), मीना महिरोक, तरनदीप सिंह, मनीष कुमार, विजयंत कुमार, जसविंदर लफ्ज़ और अर्चना अरोड़ा शामिल रहे।

“नई कलमें नई उड़ान” बाल साहित्य पुस्तक में छात्रों की कुल 90 रचनाएं शामिल की गई हैं, जिनमें कविताएं, लेख और रचनात्मक अभिव्यक्तियां प्रमुख हैं। कार्यक्रम के दौरान जिला श्री मुक्तसर साहिब की पुस्तक का भी विमोचन किया गया।

इस मौके पर विशेष रूप से उपस्थित श्री सुखी बाठ, छात्रों द्वारा लिखी गई कविताओं को सुनकर भावुक हो उठे और सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। जिला श्री मुक्तसर साहिब के छात्रों को प्रमाण पत्र और मेडल भी प्रदान किए गए।

कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें

  • श्री सुखी बाठ, संस्थापक, पंजाब भवन सरी, कनाडा

  • श्री विजयपाल, जिला नोडल अधिकारी, फाजिल्का

  • श्री जस्पाल मोंगा, जिला शिक्षा अधिकारी, श्री मुक्तसर साहिब

  • श्री राजिंदर सिंह, उप-जिला शिक्षा अधिकारी, श्री मुक्तसर साहिब

  • गुरविंदर सिंह कांगड़ शामिल थे।

यह आयोजन न केवल बाल साहित्य को बढ़ावा देने का प्रयास है, बल्कि युवाओं को लेखन और रचनात्मकता की ओर प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी है।