18 अगस्त 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Himachal Desk: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य में जगह-जगह भूस्खलन और बाढ़ से सड़कें ठप हो गई हैं। सोमवार सुबह 10 बजे तक तीन राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 400 सड़कें बंद रहीं, जबकि 883 बिजली ट्रांसफार्मर और 122 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुईं। मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 192 सड़कें और 303 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं।
किन्नौर जिले में पोवारी के पास एनएच-5 धंस गया है और करीब 60 प्रतिशत हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा जा रहा है, जबकि चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग भी जगह-जगह भूस्खलन से अवरुद्ध है।
शिमला-करसोग मार्ग तत्तापानी पुल से पहले धंसकर सतलुज नदी में समा गया। सड़क की चौड़ाई घटकर महज 1.5 मीटर रह गई है, जिससे यह असुरक्षित हो गई है। वैकल्पिक मार्ग भी बंद होने से यहां संपर्क पूरी तरह कट गया है। एचआरटीसी ने यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रांस-शिपमेंट सेवा शुरू की है।
मौसम विभाग ने 24 अगस्त तक बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान जताया है और 21 अगस्त को छोड़कर बाकी दिनों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इस मानसून सीजन (20 जून से 17 अगस्त) में अब तक 263 लोगों की मौत, 332 घायल और 37 लापता हुए हैं। भूस्खलन और बाढ़ से 2,814 घर-दुकानें और 2,201 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,626 पालतू पशुओं की मौत हो चुकी है और कुल नुकसान 2,17,354.38 लाख रुपये आंका गया है।
भारी बारिश के चलते पांवटा उपमंडल में सभी शिक्षण संस्थान आज बंद कर दिए गए, हालांकि स्टाफ को अवकाश नहीं मिला, जिससे कुछ शिक्षक जोखिम उठाकर स्कूल पहुंचे।