07 मई, 2025 Fact Recorder
अगर आप रोज़ाना दो घंटे या उससे ज्यादा समय तक गाड़ी चलाते हैं, तो सावधान हो जाइए। लंबे समय तक ड्राइविंग करने वालों को अक्सर एक परेशानी का सामना करना पड़ता है, जिसे ड्राइवर नी या पैटेलर टेंडिनोपैथी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें घुटने के आगे के हिस्से—पैटेला (घुटने की छोटी हड्डी) और टिबिया (घुटने और टखने के बीच की हड्डी) के पास मौजूद टिशूज़ में सूजन आ जाती है।
क्यों होती है ये समस्या?
इस दर्द की सबसे बड़ी वजह होती है लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठे रहना और लगातार दाएं पैर से ब्रेक या एक्सीलेरेटर का इस्तेमाल करना। इससे घुटने के जोड़ों पर दबाव बढ़ता है। जब यह बार-बार होता है, तो घुटनों के आस-पास की मांसपेशियों और टिशूज़ में सूजन आ जाती है।
क्या हैं इसके लक्षण?
घुटने के आगे हिस्से में लगातार या उठते-बैठते समय दर्द
सीढ़ियां चढ़ते या नीचे उतरते समय परेशानी
घुटनों में अकड़न या सूजन महसूस होना
गाड़ी चलाते समय अचानक घुटने में झटका जैसा लगना
किसे है ज्यादा खतरा?
जो रोज़ाना लंबी दूरी ड्राइव करते हैं
जिनका गाड़ी चलाते समय पैर का पोजिशन सही नहीं होता
जिनकी कार की सीट बहुत नीचे या बहुत आगे होती है
जिन्हें पहले से घुटनों की कोई समस्या रही हो
बचाव और इलाज
1. पोजिशन सुधारें:
गाड़ी की सीट इस तरह सेट करें कि आपके घुटने थोड़े मुड़े रहें, लेकिन बहुत ज्यादा भी न हों। ब्रेक और एक्सीलेटर दबाते वक्त घुटनों पर जोर न पड़े।
2. हर 30-45 मिनट बाद छोटा ब्रेक लें:
अगर लंबी दूरी ड्राइव कर रहे हैं, तो बीच-बीच में गाड़ी रोककर थोड़ा चलना या स्ट्रेचिंग करना मददगार हो सकता है।
3. वॉर्म अप करें:
ड्राइविंग से पहले हल्का स्ट्रेचिंग या पैरों की एक्सरसाइज करें, ताकि मांसपेशियां लचीली रहें।
4. डॉक्टर से सलाह लें:
अगर दर्द लंबे समय तक बना रहे तो ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट से मिलें। समय रहते फिजियोथेरेपी या अन्य इलाज से इसे रोका जा सकता है।
5. फिजियोथेरेपी और आइस पैक:
शुरुआती स्टेज में आइस पैक और फिजियोथेरेपी से आराम मिल सकता है। गंभीर मामलों में इलाज के लिए फिजिकल थेरेपी, सपोर्टिव ब्रेसेस या दवाएं दी जाती हैं।
याद रखें:
घुटनों का दर्द नजरअंदाज करने से आगे चलकर यह गंभीर रूप ले सकता है। इसलिए अगर आप नियमित रूप से गाड़ी चलाते हैं, तो अपने ड्राइविंग पोजिशन का ध्यान रखें और जरूरत पड़े तो डॉक्टरी सलाह जरूर लें।