धर्मशाला के धुम्मू शाह दाड़ी मेला।
कांगड़ा जिले के धर्मशाला में 8 से 14 अप्रैल तक होने वाले ऐतिहासिक धुम्मू शाह दाड़ी मेले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मेले की नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के आरोप लग रहे हैं। दाड़ी व्यापार मंडल के अध्यक्ष हर्ष ओबरॉय ने प्लॉट्स की बोली प्रक्र
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50 हजार तक पहुंची प्लॉट की कीमत
पूर्व उपाध्यक्ष मोहिंद्र के मुताबिक पहले मेले में 415-425 प्लॉट्स दिए जाते थे। इस बार केवल 150 प्लॉट्स ही आवंटित किए गए हैं। पंजाब से आए व्यापारी बालकु ने बताया कि एक प्लॉट की कीमत 30 हजार से 50 हजार रुपए तक पहुंच गई है। व्यापार मंडल का आरोप है कि प्रशासन मैदान की नीलामी जीतने वाले व्यापारी को फायदा पहुंचा रहा है। स्थानीय दुकानदारों को सड़क किनारे सामान न बेचने की चेतावनी दी गई है।

फूड स्टॉल के लिए खाली पड़ी जगह।
एक भी फूड स्टॉल नहीं लगा
महंगी कीमतों के कारण अभी तक एक भी फूड स्टॉल नहीं लगा है। भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि दाड़ी मेला सांस्कृतिक धरोहर है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों की भागीदारी को नजरअंदाज कर इसे सिर्फ राजस्व का जरिया बना दिया है। मेले की शुरुआत भराड़ी माता मंदिर में पूजा-अर्चना और झंडा रस्म के साथ होगी।
धुम्मू शाह की स्मृति में आयोजित मेला
यह मेला धुम्मू शाह की स्मृति में आयोजित किया जाता है, जो इस क्षेत्र के एक प्रमुख सेठ थे। उनके वंशज विधि चंद ने बताया कि धुम्मू शाह ब्याज पर ऋण देते थे और उनकी कोई संतान नहीं थी। उनके बुजुर्गों ने उनकी सेवा कर उन्हें अपना बना लिया। उनकी मृत्यु के बाद जब एक व्यक्ति ऋण लौटाने आया, तो उस धन को जनहित में उपयोग करने का निर्णय लेकर यह मेला शुरू किया गया।
प्रारंभ में एक कनाल भूमि पर लगने वाला यह मेला आज कांगड़ा जिले का प्रतिष्ठित आयोजन बन चुका है।