15 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
National Desk: ISRO ने भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के सभी वैज्ञानिक प्रयोगों को सफल बताया, Axiom-4 मिशन में भारत ने रचा इतिहास
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार को पुष्टि की कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर Axiom-4 मिशन के तहत सभी नियोजित वैज्ञानिक प्रयोग और गतिविधियां सफलतापूर्वक पूरी कर ली हैं। यह मिशन न केवल भारत बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
जैविक और सूक्ष्मगुरुत्व प्रयोगों में सफलता
ISRO ने बताया कि शुक्ला द्वारा किए गए सात सूक्ष्मगुरुत्व प्रयोग पूरी तरह सफल रहे। इनमें भारतीय टार्डिग्रेड्स स्ट्रेन, मायोजेनेसिस (मांसपेशीय विकास), साइनोबैक्टीरिया, सूक्ष्म शैवाल, मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण, फसल बीजों पर प्रभाव, और वॉयेजर डिस्प्ले से जुड़े प्रयोग शामिल थे। इन प्रयोगों का उद्देश्य अंतरिक्ष में जैविक व्यवहार और जीवन से जुड़े पहलुओं को समझना था।
अंतरिक्ष स्टेशन से विदाई समारोह
रविवार को Axiom-4 मिशन के चालक दल, जिसमें शुभांशु शुक्ला भी शामिल थे, ने ISS से रवाना होने से पहले विदाई समारोह में भाग लिया। इस दौरान शुक्ला ने ISRO और Expedition 73 के सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह मिशन न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान बल्कि शिक्षा और राष्ट्रीय भागीदारी की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।
पृथ्वी की ओर वापसी शुरू
सोमवार को, SpaceX के Dragon Grace यान ने अंतरिक्ष स्टेशन से अनडॉक कर पृथ्वी की ओर वापसी शुरू कर दी। 18 दिनों की अंतरिक्ष यात्रा के बाद अब यह यान 15 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेगा। यह वापसी लगभग 22.5 घंटे की कक्षीय यात्रा के बाद पूरी होगी।
भारत के लिए स्पेस बायोटेक्नोलॉजी में बड़ी छलांग
सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन-इंडिया के महानिदेशक अनिल प्रकाश ने इस मिशन को भारत की स्पेस बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नई छलांग बताया। उन्होंने कहा कि रणनीतिक निजी भागीदारी के साथ यह मिशन जन-निजी सहयोग का उदाहरण है, जो अंतरिक्ष विज्ञान को स्थायी जैव-प्रौद्योगिकी नवाचारों में बदलने की क्षमता रखता है।
ऐतिहासिक मिशन में भारत, पोलैंड और हंगरी की भागीदारी
यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक रहा, क्योंकि इन देशों के अंतरिक्ष यात्रियों ने चार दशकों के बाद किसी मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन में भाग लिया। मिशन का नेतृत्व अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और Axiom की कमांडर पेगी व्हिटसन ने किया।
गगनयान के लिए प्रमुख दावेदार
Axiom-4 मिशन में भाग लेने वाले शुभांशु शुक्ला को अब ISRO के प्रथम मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन “गगनयान” के लिए प्रमुख उम्मीदवार माना जा रहा है। ISRO 2027 तक गगनयान मिशन को लॉन्च करने की तैयारी में जुटा है।
यह मिशन भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं, अंतरिक्ष में शोध और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।