22 मई 2025 ,FACT RECORDER
कान्स में इंफ्लुएंसर्स: सिनेमा का उत्सव या सिर्फ ग्लैमर का शो?
कभी वैश्विक सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित मंच माने जाने वाला कान्स फिल्म फेस्टिवल अब एक नया रूप ले चुका है। फिल्ममेकर्स और कलाकारों के इस उत्सव में अब सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स की मौजूदगी चर्चा का विषय बन गई है। सवाल यह उठता है — क्या कान्स पहुंचना अब इतना आसान हो गया है? और वहां मौजूदगी का असली मतलब क्या रह गया है?
कान्स में भारतीय इंफ्लुएंसर्स की बढ़ती मौजूदगी
पिछले कुछ सालों में कई भारतीय डिजिटल क्रिएटर्स ने कान्स में डेब्यू किया है। कुशा कपिला, डॉली सिंह, नैन्सी त्यागी, अंकुश बहुगुणा और रणवीर इलाहाबादिया जैसे नाम अब उस रेड कारपेट पर नजर आते हैं, जहां पहले सिर्फ दिग्गज फिल्मी हस्तियां दिखती थीं। इनके आउटफिट्स और स्टाइल सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते हैं, जिससे फेस्टिवल में दिखाई गई फिल्मों की अहमियत कई बार पीछे छूट जाती है।
2025 में, जब भारतीय फिल्ममेकर पायल कपाड़िया को मुख्य जूरी में शामिल किया गया — जो भारतीय स्वतंत्र सिनेमा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है — तब भी सोशल मीडिया का फोकस ज्यादातर इंफ्लुएंसर्स की ड्रेस और डेब्यू पर रहा। इसी बीच नीरज घेवन की फिल्म होमबाउंड भी Un Certain Regard सेक्शन में दिखाई गई, लेकिन उसे अपेक्षित चर्चा नहीं मिली।
ग्लैमर के पीछे का बिजनेस मॉडल
यह मान लेना कि ये उपस्थिति सहज या आम है, सही नहीं होगा। कान्स लंबे समय से कला और व्यवसाय का संगम रहा है। मीडिया पार्टनर Brut जैसे प्लेटफॉर्म्स फेस्टिवल की एक्सेस बेचते हैं, जिसे इंफ्लुएंसर्स और ब्रांड्स कंटेंट और प्रमोशन के लिए इस्तेमाल करते हैं।
पत्रकार ऐश्वर्या सुब्रमण्यम ने 2024 में बताया था कि एक रेड कारपेट वॉक की कीमत ₹30 लाख तक हो सकती है। कई एजेंसियां Bulk डील करके इस लागत को ₹10 लाख तक ला देती हैं। इस तरह कान्स, इंफ्लुएंसर्स के लिए एक कंटेंट क्रिएशन और ब्रांडिंग का बड़ा मौका बन चुका है।
चर्चा और आलोचना के बीच
कान्स की यह कॉमर्शियल छवि अब बहस का विषय बन चुकी है। जवाब में इंफ्लुएंसर कुशा कपिला ने कहा:
“ब्रांड्स पहले से ही एक्टर्स को रेड कारपेट पर भेजते आए हैं। मैं एक क्रिएटर हूं — यही मेरी पहचान है। आपके लिए यह मीम हो सकता है, मेरे लिए यह मेरा प्रोफेशन है।”
जैसे-जैसे इंफ्लुएंसर मार्केटिंग नई-नई ऊंचाइयों तक पहुंच रही है, कान्स इसका एक प्रतीक बन गया है। यह फेस्टिवल अब सिर्फ सिनेमा नहीं, बल्कि फैशन, फेम और फाइनेंस की बदलती दुनिया का आईना भी है।