भारतीय ने बनाया दुनिया का सबसे छोटा वैक्यूम क्लीनर, स्ट्रॉबेरी खाकर लड़की ने तोड़ा रिकॉर्ड।

10 March 2025: Fact Recorder

Guinness World Records : भारत के पामर्थी शिव नागा राव ने दुनिया का सबसे छोटा वैक्यूम क्लीनर बनाकर रिकॉर्ड बनाया, वहीं UK की लिआ शटकेवर ने स्ट्रॉबेरी खाने का अनोखा रिकॉर्ड दर्ज किया।

रिकॉर्ड बनाने के लिए आजकल लोग कड़ी मेहनत करते हैं, नई और क्रिएटिव तकनीक तलाशते हैं, जिससे वह रिकॉर्ड बना सकें। भारत के रहने वाले एक शख्स ने दुनिया का सबसे छोटा वैक्यूम क्लीनर बनाकर अपने नाम रिकॉर्ड दर्ज करवा लिया है तो वहीं एक लड़की ने स्ट्रॉबेरी खाकर रिकॉर्ड बनाया है।

भारत के शख्स ने बनाया सबसे छोटा वैक्यूम क्लीनर

भारत के रहने वाले पामर्थी शिव नागा राव ने दुनिया का सबसे छोटा वैक्यूम क्लीनर बनाया है, जो 0.552 सेमी चौड़ा और 1.44 सेमी ऊंचा है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने यह रिकॉर्ड दर्ज किया है और सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी दी है। GWR के इंस्टाग्राम पेज पर पामर्थी शिव नागा राव का वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें देखा जा सकता है कि सबसे छोटे वैक्यूम क्लीनर से बिखरे हुए सामान को एकत्रित कर रहे हैं।

स्ट्रॉबेरी खाकर लड़की ने बनाया रिकॉर्ड

स्ट्रॉबेरी बहुत लोगों को खाना पसंद है, लेकिन एक लड़की ने इसे ही खाकर अपने नाम रिकॉर्ड बना लिया। UK की रहने वाली लड़की लिआ शटकेवर ने एक मिनट के अंदर 312.97874 ग्राम स्ट्रॉबेरी खाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा लिया। यह लड़की एक बार में एक स्ट्रॉबेरी खाती रही और खत्म हो जाने के बाद अपना मुंह खोलकर यह सुनिश्चित किया कि वह पूरी तरह खा चुकी है।

सोशल मीडिया पर आ रहे रिएक्शन

लिआ शटकेवर द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड पर एक इंस्टाग्राम यूजर ने लिखा कि यह रिकॉर्ड तो मैं आसानी से तोड़ सकता हूं, लेकिन इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं है। एक अन्य ने लिखा कि यह रिकॉर्ड तो कोई भी भारतीय लड़का आसानी से तोड़ सकता है। एक ने लिखा कि यह दिखने में आसान है, लेकिन वाकई में इस रिकॉर्ड को बनाना कठिन है।

पामर्थी शिव नागा राव के रिकॉर्ड पर एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि यह वैक्यूम क्लीनर सिर्फ और सिर्फ रिकॉर्ड बनाने के ही काम आ सकता है। एक अन्य ने लिखा कि इस वैक्यूम क्लीनर का कभी इस्तेमाल किया जा सकता है क्या? एक अन्य ने लिखा कि भारत के लिए रिकॉर्ड बनाने पर हम आपको धन्यवाद देते हैं। एक अन्य ने लिखा कि भारत में लोगों के पास टैलेंट की कमी नहीं है।