27 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
International Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त टैरिफ नीति के बीच भारत ने अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाकर अमेरिकी दबाव को काफी हद तक कम कर लिया है। झींगा और टेक्सटाइल जैसे सेक्टरों पर 50% टैरिफ का असर जरूर दिखा, लेकिन भारतीय निर्यातकों ने नए बाजारों में अवसर तलाश लिए हैं। खास बात यह है कि अमेरिका के टैरिफ तनाव के बीच भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में चीन को भारत का निर्यात 22% बढ़कर 8.41 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 6.90 अरब डॉलर था।
झींगा और एल्युमिनियम जैसे उत्पादों की चीन में बढ़ती मांग से भारत को विशेष लाभ मिला है। वहीं, अमेरिकी टैरिफ की वजह से इन उत्पादों का अमेरिका को निर्यात प्रभावित हुआ है। आंध्र प्रदेश के झींगा उद्योग को ही करीब 25,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जबकि एयर कार्गो निर्यात में 14% की गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह, एल्युमिनियम और टेक्सटाइल सेक्टर में भी ऑर्डर और कारोबार लगभग आधे रह गए हैं।
भारत में चीन के राजदूत श फीहोंग ने इस बढ़ते व्यापारिक सहयोग पर संतोष जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में चीन को भारत का निर्यात 22% बढ़ा है। बीजिंग भारतीय वस्तुओं का स्वागत करता है और अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने में सहयोग के लिए तैयार है।”
गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल और हथियारों की खरीद को लेकर भारत पर यूक्रेन युद्ध में पुतिन की मदद का आरोप लगाते हुए भारत पर पारस्परिक टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया था, जो 27 अगस्त से लागू है। इसके बावजूद भारत ने नए व्यापारिक साझेदारों के साथ सहयोग बढ़ाकर अपनी निर्यात स्थिति मजबूत बनाए रखी है।