21 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Himachal Desk: हिमाचल प्रदेश सरकार ने शहीद जवानों की पत्नियों को सामाजिक सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब प्रदेश में देश की रक्षा करते हुए बलिदान देने वाले जवानों की पत्नियों को राजस्व रिकॉर्ड में ‘विधवा’ नहीं, बल्कि ‘वीर वधू’ के रूप में दर्ज किया जाएगा। सरकार इस बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है।
राज्य सरकार का मानना है कि ‘विधवा’ शब्द उन महिलाओं के लिए अनुचित है, जिनके पति ने देश की सेवा में प्राणों की आहुति दी है। इसलिए अब राजस्व दस्तावेजों में शहीद जवान की पत्नी के नाम के साथ ‘वीर वधू’ लिखा जाएगा, जबकि जवानों के नाम से पहले ‘बलिदानी’ या ‘शहीद’ जैसे शब्द दर्ज किए जा सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश, जिसे ‘वीरों की भूमि’ कहा जाता है, से अब तक सैकड़ों जवान देश की रक्षा करते हुए शहीद हो चुके हैं। कारगिल युद्ध में प्रदेश के कैप्टन विक्रम बत्रा और राइफलमैन संजय कुमार को परमवीर चक्र से नवाजा गया था। वहीं, भारत के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा भी पालमपुर (हिमाचल) से थे।
शहीदों के सम्मान में यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब समाज के कई वर्गों ने ‘विधवा’ जैसे शब्द पर आपत्ति जताई थी। राज्य सरकार पहले ही शहीद परिवारों को राहत राशि और अन्य सहायता उपलब्ध करा रही है। हाल ही में सरकार ने बलिदान देने वाले हर जवान के परिवार को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता देने का भी निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर शहीदों के परिवारों से मिलकर उनका हालचाल लेते हैं। इस नई पहल से न केवल वीरांगनाओं को उचित सम्मान मिलेगा, बल्कि समाज में शहीदों के योगदान को और अधिक गौरव के साथ याद किया जाएगा।