चंडीगढ़ में दो साल से फिटनेस टेस्ट न कराने वाले वाहन जब्त कर स्क्रैप सेंटर भेजे जाएंगे।

06 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Chandigarh Desk: पुराने और अनफिट वाहनों पर चंडीगढ़ प्रशासन की सख्ती, दो साल से फिटनेस टेस्ट न कराने वाले वाहन जब्त कर भेजे जाएंगे स्क्रैप सेंटर चंडीगढ़ प्रशासन ने पुराने और बिना फिटनेस टेस्ट के चल रहे वाहनों पर बड़ी कार्रवाई का फैसला लिया है। अब जो वाहन दो साल से फिटनेस टेस्ट नहीं करवा रहे हैं या फिटनेस टेस्ट में फेल हो चुके हैं, उन्हें चालान करने की बजाय सीधा जब्त कर स्क्रैप सेंटर भेजा जाएगा।

ट्रैफिक पुलिस और STA को जिम्मेदारी
इस अभियान की जिम्मेदारी स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (STA) और ट्रैफिक पुलिस को संयुक्त रूप से दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही शहरभर में विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें अनफिट वाहनों की पहचान कर उन्हें जब्त किया जाएगा।

केंद्र सरकार की सिफारिश और ‘अनफिट व्हीकल डैशबोर्ड’
केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ प्रशासन को एक पत्र भेजकर इस दिशा में कड़े कदम उठाने को कहा है। पत्र में ‘अनफिट व्हीकल डैशबोर्ड’ का उल्लेख किया गया है, जिसमें उन वाहनों की जानकारी मौजूद है जिन्होंने पिछले दो वर्षों से फिटनेस टेस्ट नहीं करवाया है या जो तय अवधि पूरी कर चुके हैं। यह जानकारी परिवहन विभाग और स्क्रैप एजेंसियों के साथ साझा की गई है।

ऑटो और पुराने वाहन रडार पर
जानकारी के मुताबिक, अगर यह कार्रवाई गंभीरता से की गई तो शहर में आधे से ज्यादा ऑटो रिक्शा सड़कों से बाहर हो सकते हैं, क्योंकि अधिकतर ऑटो के फिटनेस सर्टिफिकेट खत्म हो चुके हैं। इसके बावजूद वे चोरी-छिपे सड़कों पर चल रहे हैं।

वहीं ऐसे भी कई वाहन हैं जो फिटनेस टेस्ट में फेल हो चुके हैं या बहुत पुराने हैं, फिर भी इस्तेमाल हो रहे हैं और भारी मात्रा में प्रदूषण फैला रहे हैं। प्रशासन का यह फैसला इन सभी वाहनों पर सीधे असर डालेगा।

मार्केट पार्किंग में खड़ी गाड़ियों पर भी एक्शन
शहर की विभिन्न मार्केटों में पार्किंग की जगहों पर ऐसे कई पुराने वाहन खड़े हैं जो स्टोर की तरह इस्तेमाल हो रहे हैं। पहले इन पर केवल चालान होता था, लेकिन अब इन्हें भी जब्त कर स्क्रैप सेंटर भेजा जाएगा।

‘एंड ऑफ लाइफ’ नियम लागू
1 अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार ने ‘एंड ऑफ लाइफ’ नियम लागू किया है, जिसके तहत निश्चित अवधि के बाद वाहनों को स्क्रैपिंग सेंटर पर भेजना अनिवार्य होगा। स्क्रैपिंग के लिए बाय-बैक और डिपॉजिट रिफंड जैसी योजनाएं भी लाई गई हैं। यह नियम कृषि उपयोग के वाहनों को छोड़कर बाकी सभी वाहनों पर लागू होगा।

निष्कर्ष
चंडीगढ़ प्रशासन का यह कदम न सिर्फ सड़कों से पुराने और प्रदूषणकारी वाहनों को हटाने की दिशा में है, बल्कि यह कानून का पालन सुनिश्चित करने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की बड़ी कोशिश भी है। अब ट्रैफिक और परिवहन विभाग की सक्रियता पर सबकी नजरें होंगी।