टैरिफ विवाद के बीच मोदी-जिनपिंग की अहम मुलाकात, 10 महीने बाद पहली द्विपक्षीय वार्ता

टैरिफ विवाद के बीच मोदी-जिनपिंग की अहम मुलाकात, 10 महीने बाद पहली द्विपक्षीय वार्ता

31 अगस्त 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

International Desk: टैरिफ विवाद के बीच मोदी-जिनपिंग मुलाकात, 10 महीने बाद द्विपक्षीय वार्ता              प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को तियानजिन में मुलाकात की। यह 10 महीने बाद दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने की वार्ता है। यह मुलाकात अमेरिकी टैरिफ नीतियों से पैदा हुए तनाव और भारत-अमेरिका संबंधों में आई हालिया गिरावट के बीच हुई, जिससे इसकी अहमियत और बढ़ गई है।

मोदी शनिवार को सात साल बाद चीन की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे। रविवार से शुरू हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर हुई इस बैठक में भारत-चीन आर्थिक सहयोग, सीमा विवाद और तनावपूर्ण रिश्तों को सामान्य बनाने के कदमों पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, वार्ता की गहराई को देखते हुए दोनों नेता दिन में फिर से मिल सकते हैं।

मोदी और शी की पिछली मुलाकात अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। तियानजिन पहुंचने से पहले पीएम मोदी ने कहा था कि वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए भारत और चीन का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने जापान के योमिउरी शिंबुन को दिए साक्षात्कार में कहा कि स्थिर और सौहार्दपूर्ण भारत-चीन संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व समृद्धि पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं।

हाल ही में चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों ने कई भरोसेमंद कदम उठाए हैं, जिनमें सीमा पर शांति बनाए रखना, सीमा व्यापार बहाल करना और जल्द सीधी उड़ानें शुरू करना शामिल है। ये प्रयास 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद बिगड़े रिश्तों को सुधारने की दिशा में अहम माने जा रहे हैं।

पुतिन से भी मुलाकात की संभावना                                                                                            एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात की संभावना है। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू समेत 20 से अधिक विदेशी नेता शामिल हो रहे हैं।

एससीओ का सबसे बड़ा सम्मेलन                                                                                            चीन इस वर्ष एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है और तियानजिन शिखर सम्मेलन को अब तक का सबसे बड़ा बताया जा रहा है। चीन के सहायक विदेश मंत्री लियू बिन के अनुसार, यह सम्मेलन चीन की घरेलू कूटनीति का सबसे महत्वपूर्ण आयोजन है। राष्ट्रपति शी अपने मुख्य संबोधन में “शंघाई भावना” और संगठन की नई दिशा पर विस्तार से विचार रखेंगे।

शिखर सम्मेलन के बाद कई नेता बीजिंग में 3 सितंबर को आयोजित होने वाली चीन की सबसे बड़ी सैन्य परेड में शामिल होंगे। यह परेड जापानी आक्रमण के खिलाफ “जन प्रतिरोध युद्ध” और द्वितीय विश्व युद्ध में विजय की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर होगी।