16 दिसंबर, 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Educaton Desk: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक बना हुआ है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) करीब 500 तक पहुंच गया है, जिससे बच्चों की सेहत को लेकर चिंता बढ़ गई है। हालात को देखते हुए दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में नर्सरी से कक्षा 5वीं तक की पढ़ाई पूरी तरह ऑनलाइन मोड में कराने के आदेश जारी किए गए हैं।
यह निर्देश दिल्ली-एनसीआर के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों पर लागू होंगे। बढ़ते प्रदूषण और GRAP स्टेज-IV लागू होने के बाद यह फैसला लिया गया है, ताकि छोटे बच्चों को जहरीली हवा से बचाया जा सके।
प्राइमरी छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास अनिवार्य
दिल्ली में शिक्षा निदेशालय (DoE) ने NDMC, MCD और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के अंतर्गत आने वाले सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को निर्देश दिया है कि नर्सरी से कक्षा V तक की फिजिकल क्लास अगले आदेश तक बंद रहेंगी। स्कूलों को इन कक्षाओं के छात्रों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई सुनिश्चित करनी होगी।
नोएडा और गाजियाबाद में भी लागू आदेश
नोएडा में गौतम बुद्ध नगर प्रशासन ने प्री-नर्सरी से कक्षा V तक के सभी छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास का आदेश दिया है। यह निर्देश कोचिंग सेंटरों पर भी लागू होंगे। वहीं, गाजियाबाद में जिला विद्यालय निरीक्षक ने भी प्री-नर्सरी से कक्षा V तक की कक्षाएं ऑनलाइन संचालित करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने साफ किया है कि बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए इन आदेशों का सख्ती से पालन किया जाए।
मिडिल क्लास के लिए हाइब्रिड मॉडल
कक्षा VI से IX और कक्षा XI के छात्रों के लिए हाइब्रिड मॉडल अपनाया गया है। इन कक्षाओं में ऑनलाइन और फिजिकल, दोनों तरह से पढ़ाई की अनुमति दी गई है। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि जहां संभव हो, वहां अभिभावक और छात्र ऑनलाइन क्लास का विकल्प चुन सकते हैं।
नोएडा और गाजियाबाद में भी इन्हीं कक्षाओं के लिए हाइब्रिड फॉर्मेट जारी रहेगा, ताकि पढ़ाई और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाया जा सके।
10वीं और 12वीं की पढ़ाई रहेगी जारी
कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र पहले से तय शेड्यूल के अनुसार स्कूल आते रहेंगे। बोर्ड परीक्षाओं, प्री-बोर्ड और प्रैक्टिकल असेसमेंट को देखते हुए इन कक्षाओं के लिए फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है।
प्रशासन ने साफ किया है कि हालात की समीक्षा लगातार की जा रही है और प्रदूषण के स्तर के अनुसार आगे भी जरूरी फैसले लिए जा सकते हैं।













