16 मई, 2025 Fact Recorder
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा के वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस बार का कुल परिणाम 79.80 प्रतिशत रहा। खास बात यह रही कि मेरिट सूची के टॉप-10 में 117 विद्यार्थियों ने स्थान बनाया, जिनमें से 88 स्थानों पर बेटियों ने कब्जा जमाया। यह बेटियों की कड़ी मेहनत, नियमित पढ़ाई और आत्मविश्वास का परिणाम है।
प्रदेश में टॉपर्स की सूची में बेटियां रहीं अव्वल
कांगड़ा जिले के भवारना स्थित न्यूगल मॉडल पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल की साईना ठाकुर ने 700 में से 696 अंक (99.43%) प्राप्त कर पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया। बिलासपुर की रिद्धिमा शर्मा ने 695 अंक (99.29%) लेकर दूसरा स्थान पाया। तीसरे स्थान पर मुदिता शर्मा (स्वारघाट) और पर्णिका शर्मा (घुमारवीं) रहीं, जिन्होंने 694-694 अंक (99.14%) अर्जित किए।
साईना का सपना: कंप्यूटर साइंस में कॅरियर
साईना ठाकुर ने अपनी सफलता का श्रेय अपने दादा-दादी, माता-पिता और शिक्षकों को दिया। वह कक्षा नर्सरी से ही इस विद्यालय में पढ़ रही हैं और पढ़ाई के साथ-साथ भाषण व कला प्रतियोगिताओं में भी सक्रिय रही हैं। फिलहाल वह 11वीं में नॉन-मेडिकल विषयों की पढ़ाई कर रही हैं और भविष्य में कंप्यूटर साइंस में कॅरियर बनाना चाहती हैं।
मुदिता बनना चाहती हैं डॉक्टर
माॅडर्न पब्लिक स्कूल स्वारघाट की मुदिता शर्मा ने बताया कि उन्होंने रोजाना छह से सात घंटे पढ़ाई की। स्कूल में पढ़ाए गए पाठ्यक्रम को ही ध्यान से समझकर तैयारी की। उन्होंने गणित और कंप्यूटर साइंस में पूर्ण अंक प्राप्त किए। उनका सपना डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना है।
आईएएस बनना चाहती हैं रिद्धिमा
राधा कृष्णा पब्लिक स्कूल घंडालवीं की रिद्धिमा शर्मा ने 99.29 प्रतिशत अंक लेकर दूसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने बताया कि हर दिन पांच से छह घंटे की पढ़ाई की और विषयों में परेशानी होने पर शिक्षकों से मार्गदर्शन लिया। उनका लक्ष्य है कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करें।
पर्णिका का लक्ष्य: प्रशासनिक सेवा में जाना
मिनर्वा स्कूल घुमारवीं की पर्णिका शर्मा ने भी तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने कहा कि चार से पांच घंटे की नियमित पढ़ाई और परिवार व शिक्षकों का सहयोग उनकी सफलता की कुंजी रहा। वह प्रशासनिक अधिकारी बनकर समाज की सेवा करना चाहती हैं।
निष्कर्ष
इस वर्ष की मेरिट लिस्ट ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि बेटियां मेहनत, लगन और समर्पण से किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती हैं। इन प्रतिभाशाली छात्राओं ने अपने माता-पिता, शिक्षकों और विद्यालय का नाम रोशन किया है।