19 मई, 2025 Fact Recorder
पाकिस्तान में तीन साल पहले गिरी भारत की सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि मिसाइल ने अपने लक्ष्य से भटकने की कोई गलती नहीं की थी, बल्कि उसे सही दिशा “किसी ने जानबूझकर” दी थी। दरअसल, यह मिसाइल मार्च 2022 में तकनीकी चूक के कारण भारत से उड़ान भरकर पाकिस्तान के खनूवाल जिले में जा गिरी थी। उस वक्त भारत सरकार ने इसे “मानव त्रुटि” बताया था, लेकिन अब सामने आई जानकारी चौंकाने वाली है।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, ब्रह्मोस जैसी आधुनिक मिसाइल में स्वचालित मार्गदर्शन प्रणाली होती है। यानी एक बार जिस दिशा में इसे सेट किया जाता है, यह उसी पथ पर अत्यंत सटीकता से आगे बढ़ती है। इसमें गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती। मामले की जांच में पता चला है कि मिसाइल को पाकिस्तान की ओर निर्देशित “किसी अंदरूनी व्यक्ति” द्वारा किया गया था। यही कारण है कि इस घटना के बाद भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।
क्या है ब्रह्मोस की खासियत:
ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस की संयुक्त परियोजना है। यह 300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तक दुश्मन को महज कुछ मिनटों में निशाना बना सकती है। इसकी रफ्तार 3 माक (आवाज से तीन गुना) होती है, जिससे दुश्मन के पास प्रतिक्रिया का वक्त नहीं होता।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:
घटना के तुरंत बाद पाकिस्तान ने भारत से जवाब मांगा था और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इसकी शिकायत की थी। हालांकि भारत ने तुरंत यह मानते हुए खेद जताया कि यह एक तकनीकी भूल थी। अब जांच रिपोर्ट यह संकेत देती है कि यह कोई साधारण गलती नहीं थी, बल्कि अंदर से किया गया निर्देशित मार्गदर्शन था, जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद चिंताजनक है। सरकार ने फिलहाल इस रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
