हिमाचल के मंत्रियों को CM के आदेशों की परवाह नहीं: कांग्रेस दफ्तर में नहीं बैठते मिनिस्टर, सचिवालय में भी कम ही नजर आते हैंl

14/April/2025 Fact Recorder

हिमाचल सरकार के मंत्री कांग्रेस ऑफिस में बैठने को तवज्जो नहीं दे रहे, जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद 2 मार्च 2023 को कांग्रेस ऑफिस में बैठकर यह घोषणा की थी कि उनके सभी मंत्री बारी-बारी कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन शिमला में बैठेंगे, ताकि

मगर, 2 साल से भी ज्यादा समय बीतने के बाद मुख्यमंत्री की यह घोषणा कोरी साबित हुई है। इसका सबसे ज्यादा मलाल कांग्रेस वर्कर को है, क्योंकि वह उनकी फरियाद सुनने के लिए पांच महीने से भी ज्यादा समय से कांग्रेस संगठन भी भंग है। इससे पार्टी वर्कर को अपनी बात रखने के लिए प्लेटफॉर्म नहीं मिल पा रहा।

कांग्रेस कार्यालय में इसलिए जरूरी

प्रदेश सचिवालय में हर व्यक्ति मंत्री से आसानी से मुलाकात नहीं कर पाता, क्योंकि सचिवालय में बिना एंट्री पास के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाता। ऐसे में यदि मंत्री कांग्रेस कार्यालय में बैठेंगे तो पार्टी वर्कर और आम जनता आसानी से अपनी समस्याएं सरकार के समक्ष उठा पाएंगे।

कुछ मंत्री तो सचिवालय में कम नजर आते हैं

कांग्रेस दफ्तर तो दूर कुछ मंत्री सचिवालय में भी कम ही नजर आते हैं। इससे प्रदेश के कोने-कोने से विभिन्न काम को लेकर सचिवालय आने वाले लोगों को निराश होकर वापस लौटना पड़ता हैं। मंत्रियों के रूटीन में सचिवालय में नहीं बैठने से संबंधित विभागों की फाइलें कई-कई दिन तक मंत्रियों के टेबल पर पड़ी रहती है।

सचिवालय के गलियारों में मंत्रियों के नहीं बैठने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है, क्योंकि मंत्रियों के दफ्तर से नहीं बैठने का अफसरशाही भी फायदा उठाती है। इससे कई अफसर भी अपनी सीट पर नहीं मिलते।

सुक्खू सरकार में ये मंत्री

सुक्खू कैबिनेट में डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री के अलावा 10 मंत्री है। इनमें धनीराम शांडिल, चंद्र कुमार, हर्षवर्धन चौहान, जगत सिंह नेगी, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह, विक्रमादित्य सिंह, राजेश धर्माणी और यादवेंद्र गोमा शामिल हैं। इनके पार्टी दफ्तर में बैठने से जनता को अपनी शिकायत सरकार के समक्ष उठाने का मंच मिलेगा।