01 सितम्बर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Himachal Desk: हिमाचल प्रदेश में रविवार से जारी भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जगह-जगह भूस्खलन और सड़कों के धंसने से हालात बिगड़ गए हैं। शिमला और जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र में अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घर और वाहन मलबे की चपेट में आ गए।
शिमला और जुब्बल-कोटखाई में हादसे
शिमला की जुंगा तहसील में भूस्खलन से एक घर दब गया, जिसमें वीरेंद्र कुमार (35) और उनकी 10 वर्षीय बेटी की मौ*त हो गई। उनकी पत्नी बाल-बाल बच गईं। वहीं, जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र में दो मकान भूस्खलन से ढह गए। इसमें एक बुजुर्ग महिला और एक बच्ची की जान चली गई। प्रभावित परिवारों को फौरी राहत दी गई है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
शहरों और सड़कों पर संकट
शिमला में कई जगह भूस्खलन और पेड़ गिरने से सड़कें बाधित हुई हैं। खलीनी-झंझीड़ी और रामनगर क्षेत्रों में सड़क का हिस्सा बह गया, जबकि लोअर पंथाघाटी में भूस्खलन से दो कारें मलबे में दब गईं। चमियाणा, छोटा शिमला-संजौली मार्ग और अन्य जगहों पर भी आवाजाही प्रभावित हुई है। जल स्रोतों में गाद भरने से पानी की आपूर्ति पर असर पड़ा है।
राज्यभर में नुकसान
सोमवार सुबह तक 793 सड़कें, तीन नेशनल हाईवे और 2,174 बिजली ट्रांसफार्मर बंद हो गए। 365 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं। चंबा, मंडी और सिरमौर जिलों में सबसे ज्यादा सड़कें बंद हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 7 सितंबर तक बारिश का दौर जारी रहने की चेतावनी दी है। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। एहतियात के तौर पर शिमला, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा, मंडी, ऊना, हमीरपुर और लाहौल-स्पीति में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं।
अब तक का आंकड़ा
प्रदेश में इस मानसून सीजन (20 जून से 31 अगस्त) के दौरान 320 लोगों की मौत हो चुकी है और 379 घायल हुए हैं। 40 लोग अभी भी लापता हैं। बादल फटने और भूस्खलन से 4,569 घर-दुकानें क्षतिग्रस्त हुईं, 3,710 गोशालाएं ढह गईं और करीब 1,885 पालतु पशुओं की मौत हो चुकी है। संपत्ति का कुल नुकसान 3,05,684.33 लाख रुपये आंका गया है।