उत्तराखंड में भारी बारिश, रेस्क्यू जारी; वायुसेना से मदद मांगी, हाईवे बंद

उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, सरकार ने वायुसेना से मांगी मदद, बद्रीनाथ हाईवे बाधित

06 अगस्त 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

National News: उत्तराखंड में मूसलधार बारिश से तबाही, बादल फटने से धराली गांव में भारी नुकसान, राहत कार्य तेज़                                                                                                                उत्तराखंड में बुधवार को भारी बारिश को लेकर कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। एहतियातन राज्य के 9 जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। सुबह से ही बागेश्वर, कोटद्वार समेत कई इलाकों में तेज बारिश हो रही है। इस बीच उत्तरकाशी के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से खीर गंगा नदी में आई बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई। महज 34 सेकंड में सैकड़ों घर और होटल मलबे में दब गए या बह गए। अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। SDRF, NDRF, ITBP और सेना की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, और अब तक 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

राज्य सरकार ने वायुसेना से मदद मांगी है और दो एमआई हेलिकॉप्टर व एक चिनूक की मांग की गई है। आपदा की गंभीरता को देखते हुए सेना की 14 राजरिफ बटालियन के 150 जवान, उनके कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन के नेतृत्व में राहत कार्य में लगे हैं। हालांकि बेस कैंप भी प्रभावित हुआ है और 11 जवानों के लापता होने की आशंका जताई गई है।

लगातार बारिश की वजह से नेशनल हाईवे 309 बंद हो गया है, जिससे रामनगर, पौड़ी और अल्मोड़ा का संपर्क बाधित हुआ है। उत्तरकाशी के अलावा हर्षिल और सुक्की में भी बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। वहीं ऋषिकेश में गंगा नदी चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है, प्रशासन ने लोगों से गंगा के किनारे न जाने की अपील की है।

उत्तरकाशी में मलबे में दबे शवों को ढूंढने के लिए खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है। पुलिस मुख्यालय ने बताया कि राहत कार्य के लिए 2 आईजी, 3 एसपी, 11 डीएसपी सहित 300 पुलिसकर्मियों को मौके पर भेजा गया है। इसके साथ ही पीएसी और आईआरबी की विशेष टीमें भी तैनात की गई हैं। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है, और सभी अस्पतालों में बेड रिज़र्व कर दिए गए हैं। डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।

भूस्खलन और बारिश से कई मार्ग बाधित हैं। प्रशासन 24 घंटे मशीनों से मार्ग खोलने की कोशिश में जुटा है। गंगोत्री हाईवे पर पापड़गाड़ के पास सड़क धंसने से हर्षिल और धराली का संपर्क मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आपदा भूमध्य सागर से उठे पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई, और इसका पैटर्न 2013 की केदारनाथ त्रासदी से मिलता-जुलता है।

प्रशासन, सेना और राहत एजेंसियां संयुक्त रूप से मोर्चा संभाले हुए हैं, लेकिन हालात अभी भी बेहद गंभीर हैं।