20 मई, 2025 Fact Recorder
दिल की सेहत को लेकर सतर्क रहें: हार्ट अटैक से बचाव के लिए समय रहते कराएं ये ज़रूरी टेस्ट
आजकल बदलती जीवनशैली, तनाव, असंतुलित खानपान और शारीरिक गतिविधियों की कमी के चलते हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अब यह बीमारी सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है। खासतौर पर कोविड महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामलों में तेज़ी देखी गई है।
जिम करते हुए, खेलते समय या पार्टी में डांस करते हुए अचानक हार्ट अटैक से हुई मौतों की खबरें अब आम हो चली हैं। इसलिए यह ज़रूरी हो गया है कि हम समय रहते अपनी हृदय सेहत की जांच कराएं।
क्यों ज़रूरी है हृदय की जांच?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हृदय रोग वैश्विक स्तर पर मौत का सबसे बड़ा कारण बन चुका है। भारत में भी 25 से 45 वर्ष की उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के मामले पिछले कुछ वर्षों में दोगुने हो गए हैं। ऐसे में समय रहते जरूरी टेस्ट करवाकर खतरे को कम किया जा सकता है।
हार्ट हेल्थ जांच के ज़रूरी टेस्ट
दिल्ली के एक निजी अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि प्रकाश बताते हैं कि 30 की उम्र के बाद सभी को नियमित रूप से दिल की जांच कराते रहना चाहिए। इन टेस्ट्स से शुरुआती लक्षणों को पहचाना जा सकता है:
ब्लड प्रेशर टेस्ट: सबसे सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण जांच, जो रक्त संचार की स्थिति बताती है।
ईसीजी (Electrocardiogram): दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी रिकॉर्ड करता है।
इकोकार्डियोग्राफी: हृदय की संरचना और पंपिंग क्षमता को दर्शाता है।
टीएमटी (Treadmill Test): परिश्रम के दौरान हृदय की प्रतिक्रिया को जांचता है।
लिपिड प्रोफाइल: शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जानकारी देता है।
HS-CRP टेस्ट: दिल में सूजन के संकेत देता है, जो हार्ट डिजीज का जोखिम दर्शा सकता है।
डॉ. रवि कहते हैं कि अगर ईसीजी सामान्य है तो भी यह हार्ट अटैक से पूरी तरह सुरक्षित होने की गारंटी नहीं है। कई बार जब तक हार्ट अटैक न हो, ईसीजी में समस्या दिखाई नहीं देती। इसलिए ब्लड टेस्ट, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और ज़रूरत पड़ने पर टीएमटी या इको जैसी जांचें भी करानी चाहिए।
क्या करें?
अगर आपकी उम्र 30 से ज्यादा है या आप हाई रिस्क कैटेगरी (जैसे परिवार में हार्ट की बीमारी का इतिहास, मधुमेह, धूम्रपान आदि) में आते हैं, तो दिल की नियमित जांच को नजरअंदाज न करें। डॉक्टर की सलाह लेकर समय-समय पर उपयुक्त जांच कराएं और अपनी जीवनशैली को हेल्दी बनाए रखें।
नोट: किसी भी लक्षण या संदेह की स्थिति में तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें। नियमित जांच और सतर्कता ही हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियों से बचाव का रास्ता है।












