21 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Health Desk: ज्वार-बाजरे से बने हेल्दी फास्ट फूड: स्वाद भी मिलेगा, सेहत भी रहेगी दुरुस्त आजकल बच्चों में मैदे से बने फास्ट फूड जैसे बर्गर, पिज्जा, पास्ता और नूडल्स की लत तेजी से बढ़ रही है, जिससे वे हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और दिल की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए अब बाजार में मिलेट्स (मोटे अनाज) से बने विकल्प सामने आ रहे हैं। इसी दिशा में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (BU) के फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग ने एक अनूठी पहल की है।
मिलेट्स से बना स्वादिष्ट जंक फूड
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने बच्चों के स्वाद को ध्यान में रखते हुए हेल्दी विकल्प तैयार किए हैं, जैसे ज्वार का बर्गर, बाजरे का पिज्जा, कोदो और रागी से बना पास्ता, साथ ही सावा, ज्वार और कोदो से बने नूडल्स। इसके अलावा रागी की चॉकलेट, सावा का केक और चेना से बनी ब्रेड भी तैयार की गई है।
बीयू मिलेट्स कमेटी की समन्वयक और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नूपुर गौतम के अनुसार, ये सभी उत्पाद स्वाद में लाजवाब हैं और इनमें विटामिन, मिनरल्स और फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। इससे बच्चों को जंक फूड जैसा स्वाद भी मिलता है और सेहत पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता।
डॉक्टरों की चेतावनी
झांसी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ओमशंकर चौरसिया ने बताया कि सिर्फ एक बर्गर में ही दिनभर की जरूरत से ज्यादा कैलोरी होती है। इससे बच्चों में फैटी लिवर, हृदय रोग और मधुमेह जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। खासतौर पर प्रिजर्वेटिव युक्त जूस और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स दो साल से छोटे बच्चों के लिए बेहद हानिकारक हैं।
महिलाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण
डॉ. नूपुर ने बताया कि यूनिवर्सिटी न सिर्फ हेल्दी उत्पाद बना रही है, बल्कि महिलाओं को मोटे अनाज से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण भी दे रही है। एक एनजीओ ने ग्रामीण महिलाओं को मशीनें देने और उत्पादन में मदद करने का वादा किया है। भविष्य में इन उत्पादों को झांसी के विभिन्न बाजारों में उपलब्ध कराने की योजना है।
निष्कर्ष
सरकार के मिलेट्स को बढ़ावा देने की पहल और विश्वविद्यालय के प्रयासों से अब बच्चों को फास्ट फूड का स्वाद हेल्दी तरीके से मिल सकेगा। यह कदम न केवल बच्चों की सेहत सुधारने की दिशा में बड़ा बदलाव है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वरोजगार का अवसर भी।