04 दिसंबर, 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Health Desk: स्मार्टफोन का बाथरूम में इस्तेमाल आज के समय में बहुत आम आदत बन चुका है, लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार यह आदत पाइल्स (हेमोरॉयड्स) का खतरा लगभग 46% तक बढ़ा देती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि फोन के कारण लोग टॉयलेट पर जरूरत से ज्यादा देर बैठे रहते हैं, जिससे गुदा क्षेत्र की नसों पर दबाव बढ़ता है और पाइल्स की समस्या शुरू हो सकती है।
फोन लेकर बाथरूम जाना क्यों खतरनाक है?
डिजिटल लाइफस्टाइल में स्मार्टफोन हमारे दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं। कई लोग टॉयलेट सीट पर बैठकर सोशल मीडिया स्क्रॉल करते हैं, वीडियो देखते हैं या आर्टिकल पढ़ते हैं।
अमेरिका स्थित बेथ इजराइल डिकॉनेस मेडिकल सेंटर की स्टडी दर्शाती है कि यह आदत सेहत पर गंभीर असर डाल सकती है।
पाइल्स क्या है?
यह गुदा और मलाशय क्षेत्र की सूजी हुई नसें होती हैं, जिनसे दर्द, खुजली और कभी–कभी खून आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अकेले अमेरिका में ही हर साल लगभग 40 लाख लोग इसी समस्या के कारण डॉक्टर के पास जाते हैं।
स्टडी का बड़ा खुलासा: 46% बढ़ा खतरा
125 वयस्कों पर किए गए सर्वेक्षण में पाया गया:
66% लोग टॉयलेट में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं
स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों में 46% अधिक पाइल्स का जोखिम
यह जोखिम उम्र, फाइबर सेवन और व्यायाम जैसे कारकों के बावजूद अधिक पाया गया
अध्ययन के अनुसार समस्या फोन से नहीं, बल्कि फोन की वजह से टॉयलेट पर लंबे समय तक बैठे रहने से होती है।
टॉयलेट पर समय बढ़ना है मुख्य कारण
शोधकर्ताओं के अनुसार:
फोन के कारण लोग 5 मिनट के काम को 20–25 मिनट तक खींच देते हैं
लंबे समय तक बैठने से गुदा क्षेत्र में दबाव बढ़ जाता है
इससे नसें सूज जाती हैं और पाइल्स की संभावना बढ़ती है
युवाओं में यह आदत तेजी से बढ़ रही है, इसलिए खतरा भी अधिक है
लोग टॉयलेट में सबसे ज्यादा क्या करते पाए गए?
स्टडी के अनुसार टॉयलेट में सबसे अधिक की जाने वाली गतिविधियां:
सोशल मीडिया स्क्रॉल करना
खबरें पढ़ना
ईमेल चेक करना
यह डिजिटल आदत अनजाने में मलाशय पर दबाव बढ़ा रही है।
कैसे बचें पाइल्स के खतरे से?
विशेषज्ञ इन आसान उपायों की सलाह देते हैं:
टॉयलेट में 5–10 मिनट से अधिक न बैठें
बाथरूम में फोन बिल्कुल न ले जाएं
डाइट में फाइबर बढ़ाएं (फल, सब्जियां, साबुत अनाज)
खूब पानी पिएं
नियमित व्यायाम करें
ये आदतें मल त्याग को आसान बनाती हैं और टॉयलेट पर जरूरत से ज्यादा समय बैठने से बचाती हैं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और शोध अध्ययनों पर आधारित है।













