Haryana seed and pesticide dealers have suspended their 7-day strike after a meeting with CM Nayab Singh Saini. Shops to reopen from April 8, following assurance of talks on Seed Amendment Bill 2025. | हरियाणा में खाद-बीज विक्रेताओं ने 7 दिवसीय हड़ताल स्थगित की: सीएम से मिले आश्वासन से आज से खुलेंगी दुकानें; बीज संशोधन विधेयक का था विरोध – Sonipat News

संगठन ने स्पष्ट किया है कि 8 अप्रैल यानि आज से सभी दुकानें दोबारा खुलेंगी

हरियाणा में सोमवार से शुरू हुई 7 दिनों के लिए बीज और कीटनाशकों की विक्रेताओं की हड़ताल को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। कुरुक्षेत्र में आयोजित एक अहम बैठक के बाद गठित 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की, जहां मुख्यमंत

इस बैठक में बिल से जुड़े अधिकारियों और प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर विवाद के समाधान की पूरी कोशिश करने का भरोसा दिलाया गया। मुख्यमंत्री से मिले इस आश्वासन के बाद हरियाणा खाद, बीज, पेस्टिसाइड विक्रेता संगठन ने हड़ताल को 16 अप्रैल तक स्थगित करने का निर्णय लिया है।

संगठन ने स्पष्ट किया है कि 8 अप्रैल, मंगलवार से सभी दुकानें दोबारा खुलेंगी। आगे की रणनीति और निर्णय 16 अप्रैल को होने वाली बैठक के बाद तय किए जाएंगे। संगठन के प्रधान और अन्य पदाधिकारियों ने सभी सदस्यों से एकजुटता बनाए रखने की अपील की है।

आज से दोबारा खोली जाएंगी सभी बीज की दुकानें

आज से दोबारा खोली जाएंगी सभी बीज की दुकानें

हरियाणा सरकार द्वारा लाए गए हरियाणा बीज संशोधन विधेयक 2025 का विरोध पूरे प्रदेश में सोमवार से शुरू हो गया था। जहां सोमवार को सोनीपत में दुकानदारों ने इकट्ठा होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। बिल के विरोध में प्रदेश के बीज विक्रेता लामबंद हो गए हैं। नकली और मिलावटी बीज बेचने वालों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से लाए गए इस विधेयक के प्रावधानों को लेकर विक्रेताओं में भारी नाराजगी देखी जा रही थी।इसके चलते, प्रदेशभर के बीज विक्रेताओं ने सोमवार से एक सप्ताह तक अपनी दुकानें बंद रखने का फैसला किया था।

आगे की रणनीति और निर्णय 16 अप्रैल को होने वाली बैठक के बाद तय किए जाएंगे।

आगे की रणनीति और निर्णय 16 अप्रैल को होने वाली बैठक के बाद तय किए जाएंगे।

किसानों और दुकानदारों को राहत खरीफ की फसल की बुवाई का समय नजदीक आ रहा है। सप्ताह भर के अंदर ज्वार, कपास और धान जैसे मुख्य बीजों की मांग शुरू हो जाएगी। यदि दुकानें बंद रहती हैं, तो किसानों को समय पर बीज उपलब्ध नहीं हो पाएगा, जिससे उनकी बुवाई में देरी हो सकती थी और फसल उत्पादन प्रभावित हो सकता है।

सोनीपत जिले में ही खरीफ सीजन के दौरान लगभग 2 लाख हेक्टेयर भूमि पर विभिन्न फसलें उगाई जाती हैं, जिसके लिए बड़ी मात्रा में बीज की आवश्यकता होती है। लेकिन सरकार के साथ चर्चा के लिए बनी सहमति ने दोनों वर्गों किसानों और दुकानदारों को राहत दी है।

क्या मांग की जा रही है बीज विक्रेताओं की मुख्य मांग है कि सरकार बीज हरियाणा संशोधन विधेयक 2025 में विक्रेता की जिम्मेदारी को लेकर किए गए प्रावधानों पर पुनर्विचार करे। वे चाहते हैं कि विक्रेता को केवल बीज बेचने के लिए जिम्मेदार माना जाए और बीज की गुणवत्ता के लिए मुख्य रूप से उत्पादक को ही उत्तरदायी ठहराया जाए। उनका कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो यह हड़ताल आगे भी बढ़ सकती है, जिससे किसानों और विक्रेताओं दोनों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।