आंधी के कारण सेक्टर 6 में गाड़ी पर पड़े कारण क्षतिग्रस्त कार।
हरियाणा के करनाल में शुक्रवार देर आए तूफान के बारिश के कारण हडकंप मच गया। एक तरफ जहां तेज तूफान के कारण सेक्टर 6 में अचानक पेड़ टूटकर दो गाड़ियों के ऊपर गिर गया। जिससे गाड़ियां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत ये रही कि इस दौरान गाड़ी व पेड के आसपास
।

मंडी में बारिश के कारण भीगती किसान की गेंहू।
सड़क किनारे पार्क की थी वाहन
चार माह पहले होंडा गाड़ी एमेज खरीदने वाले कारे के मालिक ने बताया कि रात को उसने अपनी गाड़ी को सड़क किनारे पार्क किया था। लेकिन तेज आंधी की वजह से पास का पेड़ टूटकर सीधे कार पर गिरा, जिससे कार की छत और बोनट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।कार मालिक के मुताबिक, उन्होंने यह गाड़ी महज चार महीने पहले खरीदी थी और अब तक सीटों पर लगी पन्नी भी नहीं हटाई थी। वहीं एक डस्टन गाड़ी पर भी पेड़ गिरा है। जिससे वह गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई।
दूसरी कार के शीशे टूटे, स्थानीय लोगों ने जताई चिंता
होंडा एमेज के पास खड़ी दूसरी कार भी पेड़ की चपेट में आ गई। उस कार के शीशे टूट गए और बोनट पर गहरी चोट आई। कार मालिक ने बताया कि जिस स्थान पर यह घटना हुई वहां अक्सर लोग टहलते हैं और बच्चों का भी आना-जाना रहता है। गनीमत रही कि घटना के समय वहां कोई मौजूद नहीं था, वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था।

हादसे के बाद रात को मौके पर मौजूद लोग।
जो पेड़ गिरने की स्थिति में हैं उन्हें तुरंत हटाया जाए
घटना के बाद आसपास के लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि शहर में जिन पेड़ों की हालत कमजोर है और जो गिरने की स्थिति में हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए। लोगों ने कहा कि यह घटना चेतावनी है और समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में किसी की जान भी जा सकती है।
खुले में रखी गेहूं हुई बर्बाद
आंधी-तूफान का असर मंडियों में भी साफ नजर आया। करनाल और निसिंग की अनाज मंडियों में किसान खुले में गेहूं लेकर बैठे थे। मंडी प्रबंधन की ओर से तिरपाल लगाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। बारिश आते ही गेहूं की ढेरियां पानी में भीग गईं। कुछ किसानों ने अपने स्तर पर तिरपाल डाला था, लेकिन वह भी तेज हवा में उड़ गया और फसल भीग गई।
प्रबंधन ने किए थे बड़े दावे
किसान विनोद, राकेश, रतन, सुरेंद्र और अन्य ने बताया कि मंडी प्रबंधन की ओर से यह कहा गया था कि बारिश से बचाव के लिए पूरी व्यवस्था है, लेकिन जब बारिश आई तो कहीं कोई कर्मचारी नजर नहीं आया। जिन जगहों पर तिरपाल डाले गए थे, वह भी आधे-अधूरे थे। तेज हवा में वह तिरपाल उड़ गए और किसानों की गेहूं भीग गई।

तेज बरसात में निसिंग मंडी में खुले में पड़ी किसानों की फसल।
नहीं हुई कोई सुनवाई
किसानों का कहना है कि गेहूं भीगने से उसकी गुणवत्ता खराब हो गई है। ऐसे में न तो मंडी में उसका सही दाम मिलेगा और न ही सरकार की ओर से कोई राहत। किसान अब इस बात से मायूस हैं कि आखिर उनकी मेहनत पर यूं ही पानी क्यों फिर गया और अब इसके नुकसान की भरपाई कौन करेगा।
दोहरी मार झेल रहे किसान-एक तरफ मौसम, दूसरी तरफ मंडी की लापरवाही
तेज बारिश और आंधी ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। पहले ही फसल की सही कीमत को लेकर किसान परेशान हैं और अब इस नुकसान से उन्हें आर्थिक चोट भी पहुंची है। किसानों ने मांग की है कि मंडी में बारिश से बचाव के पुख्ता इंतजाम किए जाएं और जिन किसानों की गेहूं भीगी है, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।