जिला सचिवालय के घेराव करते कर्मचारी।
हरियाणा में एचकेआरएन के 1200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के विरोध में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा (एसकेएस) का गुस्सा करनाल में फूट पड़ा। सैंकड़ों कर्मचारियों ने लघु सचिवालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी क
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बिना पूर्व सूचना हटाए गए कर्मचारी
एसकेएस के पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने बताया कि सरकार ने कर्मचारियों को अचानक ही नौकरी से हटा दिया, जो कि पूरी तरह गलत है। सरकार एक तरफ रोजगार देने की बात करती है और दूसरी तरफ जो काम कर रहे हैं, उन्हें ही बाहर का रास्ता दिखा रही है। यह कर्मचारियों के साथ भद्दा मजाक है।

जिला सचिवालय में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते कर्मचारी।
टेंपरेरी रख हटाया जाता है कभी भी
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार टेंपरेरी आधार पर लोगों को नौकरी पर रखती है और जब चाहे तब उन्हें हटा देती है। इससे कर्मचारियों का मानसिक और आर्थिक शोषण हो रहा है। एसवीपीएस के कर्मचारियों को भी दो-तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है, जिससे उनका गुजारा मुश्किल हो गया है।
रोजगार नहीं दे सकते तो छीनें भी नहीं
कृष्ण कुमार ने मुख्यमंत्री से तीखे सवाल करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री रोजगार नहीं दे सकते, तो कम से कम जो लोग काम कर रहे हैं, उनका रोजगार तो न छीना जाए। ऐसे मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए, जो जनता की बजाय सिस्टम का पक्ष ले रहे हैं।

जिला सचिवालय में ज्ञापन देने पहुंचे कर्मचारी।
कर्मचारी ही सत्ता पलटने की ताकत रखते हैं
उन्होंने कहा कि सत्ता कभी किसी के हाथ में स्थायी नहीं रहती। कर्मचारी सिर्फ कर्मचारी नहीं होते, उनके पीछे उनका पूरा परिवार होता है। जब कर्मचारी यूटर्न लेते हैं तो सत्ता भी बदल जाती है। सरकार को समय रहते चेत जाना चाहिए, वरना कर्मचारी आंदोलन तेज कर देंगे।