चंडीगढ़, 02 सितम्बर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Haryana Desk: नए आपराधिक न्याय ढांचा को त्वरित और प्रभावी परिणाम देने में हरियाणा ने अन्य राज्यों के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। हाल के मामले इस बात को दर्शाते हैं कि कैसे भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 त्वरित सुनवाई, बेहतर पुलिसिंग और कानून प्रवर्तन में जनता के विश्वास को मज़बूत कर रही है।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नए आपराधिक कानूनों के अनुकरणीय कार्यान्वयन के लिए हरियाणा को चिह्नित किया है, जिसमें राज्य की दो उत्कृष्ट सफलताओं की कहानियों को देश भर में प्रसारित करने के लिए शीर्ष पांच में चुना गया है।
उन्होंने नूंह जिले के एक मामले के बारे में विस्तार से बताया कि जहां दिल्ली-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर संभावित दुर्घटनाग्रस्त ट्रक पार्किंग की समस्या का भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 के तहत त्वरित समाधान किया गया। बता दें कि राज लल्लन सिंह ने लापरवाही से अपना ट्रक पार्क किया था, जिससे यातायात में बाधा आ गई थी और लोगों को जान-माल का खतरा पैदा हो रहा था। नगीना थाने के उप-निरीक्षक प्रताप सिंह ने तत्परता दिखाते हुए मामला एफआईआर दर्ज होने से लेकर दोषसिद्धि तक निर्बाध रूप से आगे बढ़ाया। इस घटना के मात्र 40 दिन के अंदर आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया और अभियुक्तों ने फिरोजपुर झिरका स्थित जेएमआईसी न्यायालय के समक्ष स्वेच्छा से अपना अपराध स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
इसी प्रकार रेवाड़ी के एक अन्य मामले में मॉडल टाउन पुलिस ने बैग छीनने की एक घटना को सुलझाने के लिए आधुनिक जांच तकनीकों का इस्तेमाल किया। अभियुक्त हेमंत और जितेंद्र ने नकदी एक मोबाइल फोन और कीमती सामान चुराया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों का उपयोग करके जल्दी से उनकी पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया, साथ ही चोरी का सामान भी बरामद कर लिया। पहचान परेड के दौरान पीड़ित की सकारात्मक पहचान ने मामले को और मजबूत किया। 41 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया और हेमंत ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके परिणामस्वरूप बीएनएस 2023 प्रावधानों के तहत उसे शीघ्रता से दोषी ठहराया गया। उन्होंने कहा कि ये सफलता की कहानियां इस बात पर ज़ोर देती हैं कि कैसे हरियाणा में पुलिस, अभियोजन और न्यायपालिका ने भारत के नए आपराधिक कानूनों की परिवर्तनकारी क्षमता को पूरी तरह अपनाया है। त्वरित एफआईआर पंजीकरण, साक्ष्य-आधारित जाँच, तकनीक-आधारित पुलिसिंग और कुशल न्यायिक प्रक्रियाएँ न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया को नई परिभाषा दे रही हैं। यातायात उल्लंघनों से लेकर सड़क पर होने वाले अपराधों तक, हरियाणा त्वरित, निष्पक्ष और स्थायी न्याय के लिए एक नया मानदंड स्थापित कर रहा है,जो पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।