मोहम्मद दाइफ की बरसी पर हमास का सख्त संदेश: “फिलिस्तीन की जमीन पर शांति से नहीं रह सकेंगे इजरायली”

14 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

International Desk: मोहम्मद दाइफ की बरसी पर हमास की चेतावनी: “इजरायली अब फिलिस्तीनी जमीन पर शांति से नहीं रह पाएंगे”                                                                                                      हमास ने अपनी सैन्य शाखा अल-कस्साम ब्रिगेड के दिवंगत जनरल कमांडर मोहम्मद दाइफ की पहली बरसी पर एक तीखा बयान जारी कर इज़राइल को चेताया है। 7 अक्टूबर 2023 को इज़राइल पर हुए ‘अल-अक्सा फ्लड’ हमले की रणनीति तैयार करने वाले दाइफ को श्रद्धांजलि देते हुए, हमास ने उनके नेतृत्व और बलिदान को याद किया और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

“दाइफ की विरासत जिंदा रहेगी”
अल-कस्साम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने टेलीग्राम चैनल पर एक बयान जारी कर कहा कि मोहम्मद दाइफ की शहादत के बाद भी उनके साथी, समर्थक और बच्चे उनके नक्शे-कदम पर चल रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि दाइफ की विरासत “युद्ध अपराधियों और कब्जेदारों (इजरायली सेना) के लिए एक बुरे सपने की तरह जिंदा रहेगी।”

“इजरायली अब शांति से नहीं रह पाएंगे”
अपने बयान में अबू ओबैदा ने दो टूक कहा, “इजरायली अब फिलिस्तीनी जमीन पर कभी भी शांति से नहीं रह पाएंगे, खासकर तब जब मोहम्मद दाइफ और उनके भाई खून से आज़ादी की आखिरी इबारत लिख चुके हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि दाइफ का बलिदान आने वाले संघर्ष की नींव बनेगा।

अल-अक्सा फ्लड ऑपरेशन को बताया ऐतिहासिक हमला
हमास ने अल-अक्सा फ्लड हमले को “इज़राइल के इतिहास का सबसे बड़ा झटका” करार देते हुए कहा कि इस ऑपरेशन ने फिलिस्तीनी प्रतिरोध को वैश्विक मंच पर फिर से जीवित कर दिया। अबू ओबैदा ने कहा, “दाइफ ने अपने साथियों के साथ मिलकर वह योजना बनाई जिसने इज़रायली सुरक्षा व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया और फिलिस्तीनी संघर्ष को फिर से केंद्र में ला दिया।”

“शहादत ने उन्हें महान नेताओं की पंक्ति में खड़ा किया”
अबू ओबैदा ने कहा कि दशकों तक संघर्ष, जिहाद, रणनीति और बलिदान देने वाले दाइफ की शहादत ने उन्हें हमास के सबसे बड़े नेताओं की श्रेणी में शामिल कर दिया है। उन्होंने कहा, “उनका और उनके साथी कमांडरों का खून अब उन हज़ारों फिलिस्तीनियों के खून से मिल चुका है, जिन्होंने अल-अक्सा और अपने वतन के लिए जान दी।”

हमास के इस बयान को फिलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष के संदर्भ में आने वाले दिनों में और तनाव का संकेत माना जा रहा है। वहीं, यह भी साफ है कि मोहम्मद दाइफ की मौत के एक साल बाद भी उनका नाम और उनकी रणनीति संगठन के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई है।