04 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
National Desk: भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए 1.05 लाख करोड़ रुपए की स्वदेशी हथियारों की खरीद को मंजूरी दी है। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने बख्तरबंद वाहन, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और कई अन्य अहम हथियारों की खरीद के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है, जिससे भारतीय सेना की क्षमता और गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह कदम पाकिस्तान और चीन जैसी चुनौतियों का प्रभावी मुकाबला करने में मदद करेगा। डीएसी ने 10 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यक स्वीकृति दी है, जिनमें बख्तरबंद रिकवरी वाहन, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, मूर्ड माइंस, माइन काउंटर मेजर वेसल्स, सुपर रैपिड गन माउंट और सबमर्सिबल ऑटोनॉमस वेसल्स शामिल हैं। बख्तरबंद रिकवरी वाहन युद्ध क्षेत्र में खराब हुए बख्तरबंद वाहनों की मरम्मत और सुरक्षित निकासी के लिए बनाए गए हैं, जबकि इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बाधित करने और खुफिया जानकारी जुटाने में सहायक होते हैं। मूर्ड माइंस समुद्री इलाकों में दुश्मन की नौसैनिक गतिविधि रोकने के लिए उपयोग की जाती हैं, और माइन काउंटर मेजर वेसल्स नौसैनिक माइन को खोजकर निष्क्रिय करती हैं। सुपर रैपिड गन माउंट उच्च गति से दुश्मन मिसाइलों और विमानों को निशाना बनाता है। ये सभी खरीदें स्वदेशी स्रोतों से की जाएंगी, जो भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को भी बढ़ावा देंगी।
सरकार ने पहले भी स्वदेशी हथियारों के विकास पर जोर दिया है, जैसे कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स से 62,700 करोड़ रुपए में प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों की खरीद और भारतीय सेना के लिए क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) सिस्टम की खरीद के प्रस्ताव। रक्षा बजट में भी इस बार 9.53 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जिसमें कुल 6.81 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें रक्षा सेवाओं, सेना के वेतन, पेंशन और असैन्य संगठनों के लिए खर्च शामिल हैं।
भारत ने हाल के संघर्षों से सबक लेते हुए अपने रक्षा खर्च को लगातार बढ़ाया है, खासकर आसमान में हो रही लड़ाइयों को देखते हुए। इसी प्रकार, मध्य पूर्व में भी इजराइल ने अपनी रक्षा बजट में भारी वृद्धि की है। 2024 में इजराइल का सैन्य खर्चा 65 प्रतिशत बढ़कर 46.5 बिलियन डॉलर हो गया है, जो उसके जीडीपी का 8.8 प्रतिशत है। इजराइल समेत विश्व के कई देशों ने अपनी रक्षा तैयारियों को बढ़ाने के लिए बजट में वृद्धि की है ताकि बढ़ती वैश्विक चुनौतियों का सामना किया जा सके। भारत का यह बड़ा कदम भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो उसकी सैन्य क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।