पानी का स्तर घटते ही स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरों और दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान तेज किया
फाजिल्का,10 सितम्बर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Health Desk: पंजाब सरकार और जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सिविल सर्जन फाजिल्का डॉ. राज कुमार की देखरेख में, सहायक सिविल सर्जन डॉ. रोहित गोयल और जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. सुनीता कंबोज की अगुवाई में बाढ़ प्रभावित गांवों में मच्छरों और दूषित पानी से होने वाली बीमारियों को रोकने संबंधी गतिविधियां की गईं।
डॉ. सुनीता कंबोज ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने दो टीमों का गठन किया, जिनमें मल्टी पर्पज हेल्थ वर्कर विक्की कुमार, गुरजीत सिंह और अनीश कुमार शामिल हैं। इन टीमों द्वारा गांव मुहार जमशेर, डोना नानका, लाभ सिंह भैणी और भैणी दिलावर बीएसएफ पोस्ट में नेशनल वेक्टर बॉर्न डिज़ीज कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत गतिविधियां की गईं। कई स्थानों पर लार्वा पाए गए जिन्हें नष्ट किया गया। एंटी-लार्वा स्प्रे और फॉगिंग भी की गई।
इस दौरान डॉ. सुनीता कंबोज ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि सावधानियां अपनाकर ही मच्छरों और दूषित पानी से फैलने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाढ़ और बरसात का पानी जमा होने से विशेष सावधानी की ज़रूरत है। डेंगू और मलेरिया मच्छरों से फैलने वाली गंभीर बीमारियां हैं, इसलिए मच्छर पनपने वाले स्रोतों को नष्ट करना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की “हर शुक्रवार, डेंगू ते वार” मुहिम के अंतर्गत हर शुक्रवार मच्छर पनपने वाले स्रोतों को खाली कर सुखाकर दोबारा इस्तेमाल करना चाहिए।
सावधानियां:
ऐसे कपड़े पहनें जिससे शरीर ढका रहे ताकि मच्छर न काटें।
सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
बुखार होने पर केवल डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें।
छतों पर रखी पानी की टंकियों के ढक्कन अच्छी तरह बंद रखें।
टूटे बर्तन, ड्रम और टायर खुले में न छोड़ें।
पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें और संतुलित आहार खाएं।
उन्होंने बताया कि यदि किसी को तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, सिरदर्द, त्वचा पर दाने या मसूड़ों और नाक से खून आए तो तुरंत नज़दीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच और इलाज कराएं। डेंगू की जांच और इलाज सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त किया जाता है।
डॉ. सुनीता कंबोज ने कहा कि बाढ़ के पानी से हैपेटाइटिस ए और ई, दस्त, हैजा, लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टाइफस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए केवल उबला हुआ या क्लोरीनेटेड पानी ही पिएं। कटी हुई सब्ज़ियों और फलों का सेवन न करें। खाने की चीज़ों को ढककर रखें, अधपका भोजन न खाएं और भोजन को बाढ़ के पानी से बचाकर रखें। आसपास और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें तथा घर का बना खाना ही खाएं।