जिले में बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूलों पर शिक्षा विभाग ने सख्ती बढ़ा दी
हरियाणा के सोनीपत जिले में बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूलों पर शिक्षा विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। विभाग ने क्लस्टर स्तर पर टीमें गठित कर इन स्कूलों की जांच शुरू कर दी है और उनसे मान्यता संबंधी दस्तावेज तलब किए हैं। जिले में ऐसे 89 स्कूलों को चिह्नि
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जिले में कई निजी स्कूल बिना आधिकारिक मान्यता के ही हर साल अभिभावकों को धोखे में रखकर बच्चों का दाखिला कर लेते हैं। बाद में, सरकार के समक्ष बच्चों के भविष्य का हवाला देकर मान्यता प्राप्त करने के लिए रियायतें मांगने लगते हैं। इस बार शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से ही ऐसे गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर नकेल कसने का फैसला किया है और चिह्नित स्कूलों के दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी है।

गठित टीमें करेंगी भौतिक सत्यापन: जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया ने जिले के 70 क्लस्टरों में विशेष टीमें गठित की हैं।

सोनीपत के बिना मान्यता चलने वाले स्कूल
इन टीमों को अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे सभी निजी विद्यालयों का भौतिक सत्यापन करने और उनके मान्यता संबंधी रिकॉर्ड की बारीकी से जांच करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि जो स्कूल बिना पूरे और वैध दस्तावेजों के संचालित पाए जाते हैं, उनके परिसरों के बाहर तत्काल नोटिस चस्पा किए जाएं।

खरखौदा में चलने वाले बिना मान्यता वाले स्कूल
जिले में चिह्नित किए गए बिना मान्यता वाले स्कूलों की सूची: शिक्षा विभाग द्वारा जारी सूची के अनुसार, जिले के विभिन्न खंडों में बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों की संख्या इस प्रकार है: गन्नौर में 06, गोहाना में 13, कथूरा में 01, खरखौदा में 05, मुडलाना में 02, राई में सर्वाधिक 33 और सोनीपत खंड में 29 स्कूल शामिल हैं।

गन्नौर में चलने वाले बिना मान्यता वाले स्कूल
जिला शिक्षा अधिकारी बोले
जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर कार्रवाई के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं।

गोहाना में बिना मान्यता चलने वाले स्कूल
ये टीमें स्कूलों में जाकर मान्यता संबंधी दस्तावेजों की गहन जांच करेंगी और दस्तावेज पूरे नहीं पाए जाने पर नोटिस चस्पा किए जाएंगे। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों का दाखिला केवल मान्यता प्राप्त स्कूलों में ही करवाएं ताकि उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे।