27 मई 2025 ,FACT RECORDER
कोरोना के नए वैरिएंट्स से सतर्क रहें: WHO ने NB.1.8.1 को ‘वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’ घोषित किया, डॉक्टरों ने बताए लक्षण
कोरोना वायरस एक बार फिर दुनिया भर में चिंता का कारण बनता जा रहा है। इसके दो नए सब-वैरिएंट्स — NB.1.8.1 और LF.7 — कई देशों में तेज़ी से फैल रहे हैं। भारत में भी इनकी वजह से संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8.1 को अब Variant Under Monitoring की श्रेणी में डाल दिया है।
क्या है ‘वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग’?
WHO के अनुसार, जब किसी वैरिएंट में ऐसे म्यूटेशन दिखते हैं जो इसके संक्रामक होने या इम्यूनिटी से बच निकलने की क्षमता को बढ़ाते हैं, तो उसे खास निगरानी में रखा जाता है। इसका मतलब यह है कि भले यह वैरिएंट फिलहाल गंभीर न हो, लेकिन इसके असर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
भारत में क्या स्थिति है?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 27 मई के आंकड़ों के मुताबिक:
1010 एक्टिव केस मौजूद हैं।
19 मई से अब तक 753 नए केस सामने आए हैं।
अब तक 6 मौतें हुई हैं।
नए वैरिएंट में क्या खास है?
NB.1.8.1 और LF.7, दोनों ओमिक्रॉन परिवार के सब-वैरिएंट हैं। इनके स्पाइक प्रोटीन में खास तरह के म्यूटेशन पाए गए हैं (जैसे A435S, V445H, T478I) जो इसे:
पहले से अधिक संक्रामक बनाते हैं
शरीर की बनी प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम बनाते हैं
इसका मतलब है कि वैक्सीन ले चुके लोग और बूस्टर डोज़ लेने वाले भी संक्रमित हो सकते हैं।
संक्रमितों में क्या लक्षण दिख रहे हैं?
पुणे के डॉक्टर उपेंद्र सिंह के अनुसार, अधिकतर मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं और गंभीर लक्षण नहीं दिख रहे। NB.1.8.1 से संक्रमित लोगों में सामान्य ओमिक्रॉन जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं:
लगातार खांसी
गले में खराश
थकान और सिरदर्द
भूख में कमी
पेट से जुड़ी दिक्कतें (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इश्यूज़)
सांस की गंभीर तकलीफ या ऑक्सीजन की जरूरत जैसी समस्याएं अभी तक सामने नहीं आई हैं। हालांकि, कमजोर इम्युनिटी या अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों को सावधानी की जरूरत है।
क्या करें?
हल्के लक्षण महसूस होने पर भी सतर्क रहें
भीड़भाड़ वाली जगहों में मास्क पहनें
वैक्सीन और बूस्टर डोज़ की स्थिति की दोबारा जांच करें
समय पर डॉक्टर से परामर्श लें
निष्कर्ष: NB.1.8.1 और LF.7 तेजी से फैलने वाले वैरिएंट हैं लेकिन अभी तक यह गंभीर रूप नहीं ले रहे। फिर भी, संक्रमण से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता जरूरी है।
