हिमाचल में अनुबंध व्यवस्था खत्म, अब सभी कर्मचारी दो साल ट्रेनी के बाद होंगे नियमित

हिमाचल प्रदेश में अनुबंध व्यवस्था खत्म, अब सभी नए और मौजूदा कर्मचारी ट्रेनी के रूप में होंगे नियुक्त, दो साल बाद ही मिल सकेगी नियमित नियुक्ति

15 मई, 2025 Fact Recorder

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में बड़ा बदलाव करते हुए अनुबंध आधारित नियुक्तियों की प्रणाली को समाप्त कर दिया है। अब राज्य में सभी भर्तियां ट्रेनी मॉडल के तहत होंगी। इसके तहत नई भर्ती पाने वाले कर्मचारियों को पहले दो साल ट्रेनी के रूप में कार्य करना होगा, जिसके बाद ही वे नियमित नियुक्ति के पात्र होंगे।

सरकार द्वारा लागू किए गए ‘भर्ती और सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्तें अधिनियम 2024’ के तहत अब पहले से अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारी भी ट्रेनी माने जाएंगे। यह कानून 20 फरवरी 2024 से लागू हुआ है और इसमें 12 दिसंबर 2003 से पहले की व्यवस्था को शामिल किया गया है, जिससे अब नियुक्तियां अनुबंध नहीं बल्कि नियमितीकरण से जुड़ी मानी जाएंगी।

ट्रेनी को नहीं मिलेंगे ये लाभ:

  • वेतन: केवल वेतन मैट्रिक्स के पहले सेल का 60% वेतन मिलेगा।
  • लाभ: पेंशन, जीपीएफ, मेडिकल बिलों का भुगतान और एलटीसी की सुविधा नहीं मिलेगी।
  • बीमा और ईपीएफ/जीपीएफ लागू नहीं होंगे।
  • छुट्टी: प्रति माह 1 आकस्मिक छुट्टी, 10 दिन की मेडिकल छुट्टी, 5 दिन की विशेष छुट्टी और 180 दिन की मातृत्व अवकाश (विशेष परिस्थितियों में विस्तार संभव)।

भर्ती में शामिल होंगे ये भी:

सरकार ने स्पष्ट किया है कि पहले से चल रही भर्तियां और जहां ऑफर लेटर जारी हो चुके हैं, वे भी नए नियमों के तहत ट्रेनी प्रणाली में लाए जाएंगे।

क्यों लिया गया यह फैसला?

सरकार के अनुसार अनुबंध सेवाकाल की वरिष्ठता को लेकर बढ़ते कानूनी मामलों के चलते यह बदलाव जरूरी हो गया था। इसलिए शीतकालीन सत्र में विधानसभा से नया कानून पारित कर यह व्यवस्था लागू की गई।

यह कदम प्रदेश की सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता और एकरूपता लाने की दिशा में अहम माना जा रहा है, हालांकि इससे नौकरी चाहने वालों के लिए शुरुआती दो साल थोड़े कठिन हो सकते हैं।