पहलगाम से सीएम उमर अब्दुल्ला का पाकिस्तान को सख्त संदेश: “कायराना हमलों से हम डरने वाले नहीं”

28 मई  2025 ,FACT RECORDER

उमर अब्दुल्ला की पहलगाम में ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक, आतंकवाद को दिया सख्त संदेश: ‘हम डरने वाले नहीं’

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को पहलगाम में विशेष कैबिनेट बैठक कर आतंकवाद और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया कि कायराना हमलों से सरकार और जनता डरने वाली नहीं है। यह पहली बार है जब उमर सरकार ने श्रीनगर या जम्मू के बाहर किसी और जगह कैबिनेट बैठक की। 22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा 26 बेकसूर लोगों की हत्या के बाद इसी पहलगाम में यह बैठक करके सरकार ने दृढ़ता और एकजुटता का प्रदर्शन किया।

पर्यटन नगरी को भरोसा और राहत देने की कोशिश :बैठक का आयोजन पहलगाम क्लब में किया गया, जहां से मुख्यमंत्री कार्यालय ने तस्वीरें पोस्ट कर कहा – यह केवल एक प्रशासनिक काम नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट संदेश है। मुख्यमंत्री ने बताया कि शांति के दुश्मन कभी हमारे संकल्प को कमजोर नहीं कर पाएंगे, और जम्मू-कश्मीर निडर, मज़बूत और एकजुट है।

पर्यटन की वापसी पर जोर :उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अमरनाथ यात्रा से घाटी में पर्यटन प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि कश्मीर में घूमने की कई खूबसूरत जगहें हैं – जैसे श्रीनगर, गुलमर्ग, यूसमर्ग आदि। उन्होंने ट्यूलिप गार्डन समेत अन्य बंद स्थलों को फिर से खोलने की जरूरत भी जताई और बताया कि सुरक्षा ऑडिट के बाद इनमें से कई को खोला जा सकता है।

बीते कार्यकाल की तरह फिर से दूरदराज में बैठकें :उमर ने पहले भी मुख्यमंत्री रहते कई बार गुरेज़, माछिल, तंगधार और पुंछ जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में कैबिनेट बैठकें की थीं। इस बार भी उन्होंने राज्य की जनता और पर्यटकों को भरोसा दिलाने के लिए पहलगाम को चुना।

तीनों सरकारों को मिलकर काम करना होगा :उन्होंने कहा कि बिना सुरक्षा के भरोसे के पर्यटन नहीं बढ़ सकता। इसके लिए जम्मू-कश्मीर की चुनी हुई सरकार, उपराज्यपाल प्रशासन और केंद्र सरकार – तीनों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से भी नीति आयोग की बैठक में मदद की अपील की थी, जिस पर प्रधानमंत्री ने समर्थन देने का भरोसा दिलाया।

बंद पर्यटन स्थल खोलने की तैयारी :उमर अब्दुल्ला ने बताया कि 48 ऐसे पर्यटन स्थल हैं जिन्हें सुरक्षा समीक्षा के बाद फिर से खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ट्यूलिप गार्डन जैसी जगहों पर पाबंदी लगानी पड़ी, तो पूरा कश्मीर बंद करना पड़ेगा – जो व्यावहारिक नहीं है।

सदन में भी सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव :इससे पहले 28 अप्रैल को जम्मू में आयोजित विशेष विधानसभा सत्र में पहलगाम हमले की सर्वसम्मति से निंदा की गई। उमर अब्दुल्ला ने भावुक भाषण में कहा कि इस घटना को वे राज्य का दर्जा बहाल करने की राजनीति में नहीं बदलेंगे, क्योंकि वे सस्ती राजनीति में विश्वास नहीं करते।

निष्कर्ष:
उमर अब्दुल्ला की यह पहल केवल एक कैबिनेट बैठक नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत प्रतीकात्मक कदम है, जो कश्मीर में विश्वास, सुरक्षा और पर्यटन को फिर से मजबूत करने की दिशा में उठाया गया साहसी प्रयास है।