04 दिसंबर, 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Business Desk: लोकसभा ने बुधवार को लंबी चर्चा के बाद केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस नए प्रावधान के तहत तंबाकू उत्पादों—जैसे सिगरेट, पान मसाला, चबाने वाला तंबाकू, सिगार, जर्दा और हुक्का—पर लगने वाला जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर हटाकर उसकी जगह उत्पाद शुल्क लागू किया जाएगा।
सरकार का कहना है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर की अवधि खत्म होने के बाद भी तंबाकू उत्पादों पर कर का बोझ समान रखने के लिए यह कदम जरूरी था। प्रस्ताव के अनुसार कच्चे तंबाकू पर 60–70% तक एक्साइज ड्यूटी लगाई जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में स्पष्ट किया कि यह कोई नया टैक्स नहीं है, बल्कि वही कर है जो राज्यों और केंद्र के बीच समान रूप से बांटा जाएगा। उन्होंने बताया कि मुआवजा उपकर से प्राप्त राशि कोविड के दौरान राज्यों के राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए ली गई 2.69 लाख करोड़ रुपये की भरपाई में उपयोग हो रही है।
कांग्रेस सांसदों ने इस विधेयक को जनता पर बोझ बढ़ाने वाला बताया, लेकिन वित्त मंत्री ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि जीएसटी परिषद के निर्णय के अनुसार ही यह बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिगरेट पर कुल टैक्स बोझ 53% है, जबकि WHO मानक 75% का है।
तंबाकू किसानों की आशंकाओं पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार फसल विविधीकरण योजना के तहत उन्हें वैकल्पिक फसलें उगाने में मदद दे रही है। उन्होंने साफ किया कि बीड़ी श्रमिकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा और उनकी टैक्स दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
विधेयक पारित होने के साथ ही सिगरेट, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों की कीमतें बढ़ना तय हो गया है












