लू से बचाव के लिए अधिक से अधिक तरल पदार्थ पीएं: सिविल सर्जन
फाजिल्का, 17 मई 2025 Fact Recorder
पंजाब सरकार के निर्देशों और बढ़ती गर्मी को ध्यान में रखते हुए सिविल सर्जन फाजिल्का, डॉ. राज कुमार द्वारा जिलेवासियों को लू से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
सिविल अस्पताल फाजिल्का के मेडिकल स्पेशलिस्ट डॉ. अभिनव सचदेवा ने बताया कि अगर आंखों के सामने अंधेरा छाना, चक्कर खाकर गिर जाना, बेचैनी और घबराहट, हल्का या तेज बुखार, अत्यधिक प्यास लगना, सिर में तेज दर्द और उल्टियां आना, कमजोरी महसूस होना, गर्मी के बावजूद पसीना कम आना, मांसपेशियों में दर्द आदि लू लगने के लक्षण हों, तो व्यक्ति को तुरंत छांव में बिठा देना चाहिए। उसके कपड़े ढीले करें, तरल पदार्थ पिलाएं, ठंडे पानी की पट्टियां करें या उसे ठंडे पानी से भरे टब में लिटाएं। ओ.आर.एस. का घोल बनाकर पिलाएं।
उन्होंने आगे बताया कि यदि बुखार 104–105 डिग्री फॉरेनहाइट से ऊपर हो जाए, शरीर गर्म होने पर पसीना आना बंद हो जाए और त्वचा सूखी लगने लगे, मरीज बेहोश हो जाए या अत्यधिक घबराहट हो, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों से लेकर बड़े, मोटापे से ग्रस्त लोग, हृदय रोगी, शारीरिक रूप से कमजोर लोग और वे लोग जो ऐसी विशेष दवाइयों का सेवन कर रहे हैं जो शरीर के रसायनों या रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती हैं—उन्हें लू लगने का सबसे अधिक खतरा होता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को लू से अधिक खतरा होता है।
लू से बचने के लिए अपनाएं ये सावधानियां:
लू नियंत्रण की नोडल अधिकारी डॉ. सुनीता कंबोज ने बताया कि जब भी घर से बाहर निकलें, तो सूती, हल्के और आरामदायक कपड़े पहनें और सिर को ढककर रखें। पानी, लस्सी और ओ.आर.एस. घोल जैसे तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें।
उन्होंने यह भी कहा कि गर्मी में खाली पेट घर से बाहर न निकलें। ज्यादा मिर्च-मसाले वाला खाना न खाएं। कूलर या ए.सी. वाले कमरे से सीधे धूप में न जाएं।
जन मीडिया अधिकारी विनोद खुराना ने जिले के नागरिकों से अपील की कि लू से बचाव के लिए सावधानियों का पालन करें, ज्यादा समय घर के अंदर बिताएं, सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें।
