25 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Lifestyle Desk: छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला पवित्र पर्व है, जिसकी शुरुआत ‘नहाय-खाय’ से होती है। दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उषा अर्घ्य के बाद व्रत का पारण होता है। इस दिन विशेष रूप से श्रद्धालु नदी या तालाब में स्नान कर शरीर और मन को शुद्ध करते हैं और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं।
वर्ष 2025 में छठ पूजा 25 अक्टूबर शनिवार से शुरू होकर 28 अक्टूबर मंगलवार तक मनाई जाएगी। नहाय-खाय के दिन पहनने वाले कपड़ों के रंग का भी विशेष महत्व है। सही रंग न केवल पारंपरिक मान्यता का प्रतीक होते हैं, बल्कि पूजा के वातावरण को सकारात्मक और शुद्ध बनाए रखते हैं। वहीं कुछ रंग ऐसे हैं जिन्हें पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा और अशुभता का प्रतीक माने जाते हैं।
नहाय-खाय के दिन पहनें ये शुभ रंग: हल्का पीला रंग – सूर्यदेव की रोशनी और ऊर्जा का प्रतीक। यह रंग मन में सकारात्मकता और शांति लाता है और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।
लाल रंग – आस्था, शक्ति और समर्पण का प्रतीक। यह रंग पूजा के माहौल में उत्साह और जोश लाता है और व्रती महिलाओं में विशेष प्रिय है।
हल्का नारंगी या केसरिया रंग – भक्ति, साधना और पवित्रता का प्रतीक। छठ पूजा जैसे पवित्र अवसर पर ये रंग आत्मिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं।
नहाय-खाय के दिन बचें इन रंगों से: काला रंग – नकारात्मकता और अशुभता का प्रतीक। धार्मिक पर्वों पर काला पहनना वर्जित माना जाता है क्योंकि यह ऊर्जा को कम करता है। नीला और ग्रे रंग – ठंडे और निष्क्रिय रंग, जो पूजा जैसे ऊर्जावान अवसर पर माहौल की पवित्रता को कम कर देते हैं।
बहुत चमकीले या सिंथेटिक रंग – ये रंग धार्मिक वातावरण से मेल नहीं खाते और पूजा के समय असुविधाजनक हो सकते हैं। प्राकृतिक फैब्रिक जैसे कॉटन या सिल्क को प्राथमिकता दें।
छठ पूजा के नहाय-खाय दिन इन रंगों का सही चुनाव न केवल परंपरा का पालन है, बल्कि यह श्रद्धालुओं के मन और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति बनाए रखता है।
अगर आप इस वर्ष छठ पूजा में पूरी तरह से शुभता और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ शामिल होना चाहते हैं, तो इन रंगों का ध्यान अवश्य रखें।













