27 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Chandigarh Desk: चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा के दूसरे दिन रविवार को श्रद्धापूर्वक खरना का आयोजन किया गया। इस अवसर पर व्रती महिलाओं ने सुबह से अखंड उपवास रखकर गुड़, दूध और चावल से बनी खीर तथा गेहूं के आटे की देशी घी लगी रोटी का प्रसाद तैयार किया। पूजा के बाद व्रती सबसे पहले प्रसाद ग्रहण करती हैं, जिसके बाद परिवार के अन्य सदस्य इसे लेते हैं। खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का अखंड उपवास शुरू हो गया, जो मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होगा।
सोमवार दोपहर बाद तीन बजे से ही व्रती महिलाएं चंडीगढ़ के सेक्टर-42 स्थित न्यू लेक पहुंचना शुरू हो गईं, जहां अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए हजारों लोग एकत्र हुए। श्रद्धालु पानी में खड़े होकर सूर्यास्त का इंतजार कर रहे हैं। छठ व्रती ज्योति कुमारी, प्रमिला देवी और रीमा प्रभु ने बताया कि उन्होंने शुद्धता और पवित्रता के साथ खरना का प्रसाद तैयार कर सूर्यदेव और छठी मैया की आराधना की और सभी परिजनों को मंगलकामनाएं दीं। पुलिस प्रशासन ने भी न्यू लेक और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
इस बीच, सेक्टर-26 की मंडी छठ पूजा की तैयारियों से पूरी तरह सज चुकी है। मंडी में पूजा सामग्री और फलों की खरीदारी के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही। आमतौर पर मिलने वाले फलों और सामग्रियों के दामों में भी बढ़ोतरी देखी गई। यहां छोटा नारियल 25 रुपये और बड़ा 50 रुपये में बिक रहा था, जबकि संतरे 100 रुपये किलो, सेब 80 से 200 रुपये किलो, अनानास 80 रुपये किलो और गन्ना 20 से 30 रुपये प्रति पीस तक मिल रहा था।
रात में ही ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के जरिए आस-पास के इलाकों से बड़ी मात्रा में गन्ना मंडी में पहुंचा दिया गया था। हल्दी और अदरक के पत्तों की भी काफी मांग रही, जो 10 रुपये में दो पत्तों के हिसाब से बिके। धनास से खरीदारी करने आए रविलाल ने बताया कि अब चंडीगढ़ में छठ पूजा की लगभग सारी सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है। पहले अधिकांश सामान पहले से लाना पड़ता था, लेकिन अब प्रशासन और सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्थाओं के कारण व्रतियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होती।













