02 अगस्त 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Chandigarh Desk: हिमाचल की वोल्वो बस को बिना अनुमति चंडीगढ़ पहुंचाना पड़ा महंगा, बस लौटाई गई – जब्ती की चेतावनी हिमाचल प्रदेश की एक नई वोल्वो बस को बिना अनुमति और वैध दस्तावेजों के चंडीगढ़ के ISBT-43 में प्रवेश करना भारी पड़ गया। चंडीगढ़ यूटी परिवहन विभाग और हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) के बीच चल रहे पुराने विवाद के बीच यह घटना सामने आई, जिसने दोनों पक्षों के बीच तनाव और बढ़ा दिया है।
बिना NOC और काउंटर टाइम के पहुंची बस
शिमला से चली यह वोल्वो बस सुबह 9:45 बजे ISBT-43 पहुंची, जिसमें HRTC के शिमला रीजन के डिविजनल मैनेजर खुद सवार थे। चंडीगढ़ परिवहन अधिकारियों ने जब काउंटर टाइम और NOC मांगी, तो बस कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकी। नियमों का उल्लंघन मानते हुए अधिकारियों ने तुरंत बस को ISBT से बाहर करवा दिया और दोबारा ऐसी गलती होने पर बस जब्त करने की चेतावनी भी दी।
CTU और HRTC में पुराना विवाद
हिमाचल के कई रूट्स को लेकर चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (CTU) और HRTC के बीच विवाद लंबे समय से चल रहा है। सबसे बड़ा विवाद चंबा रूट को लेकर है, जो पिछले दो वर्षों से बंद है। दरअसल, हिमाचल की एक निजी बस कंपनी ने हाईकोर्ट में केस दायर कर इस रूट पर सरकारी बसों के संचालन पर रोक की मांग की थी, जिस पर सुनवाई अभी भी चल रही है।
CTU पर भी सवाल
दिलचस्प बात यह है कि हिमाचल की ओर से यह आरोप भी लगाया गया कि चंडीगढ़ की कुछ बसें भी पिछले सात महीने से हिमाचल में बिना काउंटर टाइम मंजूरी के चल रही हैं। अगस्त 2023 में इसी तरह के विवाद में हिमाचल की पांच बसें चंडीगढ़ में जब्त की गई थीं और दोनों राज्यों के परिवहन विभागों के बीच काफी तनातनी हुई थी।
बसों को संचालन की प्रक्रिया
नियमों के अनुसार, किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में बस सेवा शुरू करने के लिए 3 से 6 महीने पहले NOC, परमिट और काउंटर टाइम के लिए आवेदन करना होता है। दोनों पक्षों के बीच पत्राचार और मंजूरी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सेवा शुरू की जा सकती है। लेकिन हिमाचल की वोल्वो बस ने यह प्रक्रिया पूरी किए बिना ही चंडीगढ़ में प्रवेश किया।
अधिकारियों के बीच बैठक
घटना के बाद HRTC और CTU अधिकारियों के बीच बैठक हुई। चंडीगढ़ प्रशासन ने साफ कहा कि दस्तावेजों के बिना कोई बस चलाई नहीं जाएगी। HRTC अधिकारियों ने यह तर्क दिया कि चंडीगढ़ की बैजनाथ, सरकाघाट और जोगिंदरनगर रूट की बसों को अभी तक पक्का काउंटर टाइम नहीं दिया गया है, जबकि CTU ने कहा कि उन्हें अस्थायी समय मिल चुका है और प्रयास किए जा रहे हैं कि जल्द स्थायी समय भी तय हो।
जनता हो रही है परेशान
गौरतलब है कि चंबा के लिए दिन में चलने वाली एकमात्र बस CTU की थी, जो दो साल से बंद है। बाकी सभी बसें रात में चलती हैं। ऐसे में यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। HRTC की वोल्वो बस को चंबा भेजने का उद्देश्य इस कमी को पूरा करना था, लेकिन वैध दस्तावेजों के अभाव में योजना विफल हो गई।