होशियारपुर, 20 दिसंबर 2025 Fact Recoder
Punjab Desk : ज़िला योजना कमेटी की चेयरपर्सन करमजीत कौर ने मगनरेगा योजना में प्रस्तावित बदलावों पर कड़ा एतराज़ जताते हुए कहा कि यह केवल नाम बदलने की कवायद नहीं, बल्कि गरीबों के अधिकारों को सीमित करने की सोची-समझी कोशिश है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पहले जहां मगनरेगा में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत फंडिंग करती थी, अब उसे घटाकर 60:40 कर दिया गया है, जिससे राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाला जा रहा है।
करमजीत कौर ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों का आरडीएफ और जीएसटी का पैसा रोक रखा है। इसके साथ ही कामों पर भी पाबंदियां लगाई जा रही हैं कि कौन-सा काम किया जाएगा, यह केंद्र तय करेगा। उन्होंने कहा कि गांवों में पाइपलाइन, मंडी, निर्माण कार्य जैसे ज़रूरी विकास कार्य अब मगनरेगा के तहत नहीं कराए जा सकते, जो पूरी तरह से ग्रामीण ज़रूरतों के खिलाफ है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब गांवों में तालाबों की सफाई पांच साल में केवल एक बार ही हो सकती है, तो 125 दिनों के रोजगार को कैसे पूरा किया जाएगा। यह गरीबों के मुंह से निवाला छीनने जैसा है और इसका सख्त विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा हर मंच और इज़लास में उठाया जाएगा।
चेयरपर्सन करमजीत कौर ने कहा कि यह मामला केवल पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर के 68 करोड़ मगनरेगा कार्डधारकों के हितों से जुड़ा है। एक तरफ गरीबों का मसीहा बनने की बात की जाती है और दूसरी तरफ काम और पैसे दोनों पर बंदिशें लगाई जा रही हैं।
करमजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार ने पहले 10 प्रतिशत और अब 40 प्रतिशत तक योगदान बढ़ाया है, फिर भी कामों पर नियंत्रण केंद्र के हाथ में दे दिया गया है। पंजाब सरकार ने सड़कों का जाल बिछाया है, परिवहन को मजबूत किया है और युवाओं को नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनाने की दिशा में काम किया है। आने वाले महीनों में नई बसें सड़कों पर उतरेंगी और विकास कार्य और तेज़ होंगे।
करमजीत कौर ने कहा कि सरकार को नाम बदलने से नहीं, ज़मीन पर काम करने से पहचान मिलती है और गरीबों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा।













