कैप्टन अमरिंदर भाजपा से नाराज़? कांग्रेस के सिस्टम की तारीफ

Punjab 13 Dec 2025 Fact Recorder

Punjab Desk : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के ताज़ा बयान ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है। उनके बयान से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा के साथ उनकी नाराज़गी बढ़ रही है और वे अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस के राजनीतिक ढांचे को याद कर रहे हैं।

मीडिया से बातचीत के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि भाजपा में फैसले अपेक्षाकृत सख़्त और केंद्रीकृत तरीके से लिए जाते हैं, जबकि कांग्रेस में विचार-विमर्श की प्रक्रिया अधिक व्यापक और लचीली रही है। उनके इस बयान से यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या वे आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की ओर दोबारा रुख कर सकते हैं।

पंजाब की राजनीति भाजपा के लिए अब भी चुनौती

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब जैसे राज्य में राजनीतिक परिस्थितियां अलग हैं और यहां ज़मीनी स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं की राय को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने माना कि भाजपा अब तक पंजाब में एक मज़बूत राजनीतिक ताकत के रूप में उभर नहीं पाई है, क्योंकि पार्टी नेतृत्व ज़मीनी स्तर के नेताओं से प्रभावी संवाद नहीं कर पा रहा।

भाजपा के फैसलों पर सवाल

द हिंदू की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा,
“पंजाब एक अलग क्षेत्र है। भाजपा देश के कई हिस्सों में आगे बढ़ रही है, लेकिन पंजाब में ऐसा क्यों नहीं हो रहा? पिछले चुनाव नतीजे इसकी गवाही देते हैं। यहां फैसले उन लोगों से सलाह किए बिना लिए जाते हैं, जिन्होंने ज़मीनी स्तर पर काम किया है और हालात को समझते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस में भले ही फैसले शीर्ष स्तर पर लिए जाते थे, लेकिन विधायकों, सांसदों और अनुभवी नेताओं की राय को महत्व दिया जाता था, जो भाजपा में कम देखने को मिलता है।

“कांग्रेस नहीं, उसका सिस्टम याद आता है”

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कांग्रेस की याद आती है, तो कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया कि उन्हें पार्टी नहीं, बल्कि उसका कार्य-प्रणाली तंत्र याद आता है।
उन्होंने कहा, “मुझे कांग्रेस पार्टी की नहीं, उसके सिस्टम की याद आती है। वहां विचार-विमर्श की एक व्यापक प्रक्रिया थी और अनुभव की कद्र की जाती थी। भाजपा में यह बात कम दिखाई देती है।”

राजनीतिक मायने

गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वर्ष 2021 में कांग्रेस नेतृत्व से मतभेदों के बाद पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया और 2022 में अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया।

यह बयान ऐसे समय पर आया है जब 2027 के पंजाब विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह का यह बयान भाजपा के लिए आत्ममंथन का संकेत हो सकता है, जबकि विपक्ष इसे भविष्य की राजनीतिक रणनीति के रूप में देख रहा है।