25 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Health Desk: कैंसर का खतरा अब केवल उम्र का नहीं रहा, युवाओं और बच्चों तक पहुंच रही है बीमारी – जानिए एक मरीज की चेतावनी और जरूरी लक्षण कैंसर के मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अगर आप यह सोचते हैं कि यह सिर्फ उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी है, तो यह आपकी एक बहुत बड़ी भूल हो सकती है। हाल के वर्षों में 30 साल से कम उम्र के युवाओं और यहां तक कि बच्चों में भी कैंसर के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। इसलिए हर उम्र के व्यक्ति के लिए यह ज़रूरी है कि वे संभावित लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें और सतर्क रहें।
31 साल की उम्र में कैंसर – मरीज की आपबीती
एक हालिया रिपोर्ट में 31 वर्षीय क्रिस किर्ट का ज़िक्र किया गया है, जो तीन बच्चों के पिता हैं। उन्हें 31 साल की उम्र में कोलोरेक्टल कैंसर (आंतों का कैंसर) का पता चला। जांच के दौरान डॉक्टरों ने उनकी आंत में एक बड़ा ट्यूमर पाया। उनका इलाज अभी चल रहा है।
क्रिस ने अपनी कहानी साझा करते हुए बताया कि शुरू में उन्होंने जो लक्षण महसूस किए, उन्हें गंभीरता से नहीं लिया।
“अगर मैंने इन संकेतों को शुरुआत में ही समझ लिया होता, तो शायद मुझे आज इतनी गंभीर स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता,” उन्होंने कहा।
शुरुआत के लक्षण जिन्हें क्रिस ने किया नजरअंदाज
अगस्त 2024 में क्रिस को मल त्याग में अनियमितता और पेट में बार-बार ऐंठन जैसी समस्या शुरू हुई। उन्होंने इसे सामान्य पाचन समस्या समझकर दवाओं से इलाज किया, लेकिन स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती गई।
“मुझे पेट में दर्द और बार-बार शौच जाने की इच्छा होती थी, लेकिन मैंने इसे गंभीर नहीं माना। धीरे-धीरे मुझे खुद भी लगने लगा कि यह कुछ गंभीर हो सकता है, शायद कैंसर,” क्रिस ने कहा।
आंतों में कैंसर के बढ़ते खतरे
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, आंतों का कैंसर (कोलोरेक्टल कैंसर) दुनिया में तीसरा सबसे आम कैंसर है और कैंसर से मौत के कारणों में दूसरा सबसे बड़ा कारण बन चुका है। वर्ष 2022 में ही 1.9 मिलियन से अधिक नए मामले दर्ज हुए और 9 लाख से ज़्यादा लोगों की इससे मौत हुई।
एक चिंता की बात यह है कि अब यह बीमारी युवाओं में भी तेजी से फैल रही है। 25-29 आयु वर्ग के लोगों में हर साल इस कैंसर की दर में इजाफा हो रहा है।
भारत और अन्य देशों में तेजी से बढ़ रहे हैं मामले
आइसलैंड: 7.33% वार्षिक वृद्धि
न्यूजीलैंड: 3.97%
चिली: 3.96%
भारत: 1.26% की वार्षिक वृद्धि युवाओं में
खतरे की घंटी: ये लक्षण बिल्कुल न करें नजरअंदाज
विशेषज्ञों का कहना है कि आंतों का कैंसर धीमी गति से विकसित होता है और इसके शुरुआती लक्षण हल्के या सामान्य प्रतीत हो सकते हैं। लेकिन इन लक्षणों को गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है:
मल में खून आना
मल त्याग की आदतों में बदलाव (लगातार दस्त या कब्ज)
पेट में लगातार दर्द या ऐंठन
अचानक वजन घटना या थकान
बार-बार शौच जाने की तीव्र इच्छा
मोटापा भी एक बड़ा जोखिम कारक
शोध में पाया गया है कि आंतों के कैंसर के 11% मामलों का संबंध मोटापे से होता है। खासकर पुरुषों में जोखिम अधिक पाया गया है। वयस्कता में हर 5 किलोग्राम वजन बढ़ने पर पुरुषों में आंतों के कैंसर का जोखिम 10% तक बढ़ जाता है।
निष्कर्ष:
अगर आपके शरीर में उपरोक्त लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो इन्हें सामान्य मानकर अनदेखा न करें। कैंसर जितनी जल्दी पकड़ा जाए, इलाज की सफलता की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है। खुद को और अपने प्रियजनों को जागरूक रखें — क्योंकि सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।