नई दिल्ली, साल 2025-26 का बजट पेश किए जाने में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं। आम जन से लेकर कॉरपोरेट जगत और किसान तक, सबकी उम्मीदें आसमान पर हैं। कम हो या ज्यादा, सबको कुछ न कुछ राहत की आस है। लेकिन सवाल है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बही-खाते में कितना राहत देने की स्थिति में हैं। जाहिर है कि यह पूरी तरह सरकार की आय पर निर्भर करेगा। इसका एक अंदाजा अब तक के टैक्स कलेक्शन से मिलता है।
मौजूदा वित्त वर्ष के आंकड़े देखें तो वस्तु एवं सेवा कर (GST) और कॉरपोरेट टैक्स, दोनों का कलेक्शन बजट में निर्धारित लक्ष्य से कम चल रहा है। जीएसटी 11% बढ़ने की उम्मीद थी, जबकि अप्रैल से दिसंबर 2024 तक इसमें 9% से कुछ ज्यादा वृद्धि हुई है। कॉरपोरेट टैक्स के लिए बजट अनुमान 10.20 लाख करोड़ का है और इसमें 11.95% वृद्धि की उम्मीद सरकार को थी। लेकिन 12 जनवरी तक इसमें सिर्फ 8.16% बढ़ोतरी हुई है। सवाल है कि जब सरकार का ही राजस्व उम्मीद के मुताबिक नहीं होगा तो वह खर्च कितना बढ़ाएगी?