17 मई, 2025 Fact Recorder
हिमाचल में 11.55 करोड़ की साइबर ठगी: ग्राहक का मोबाइल हैक कर राज्य सहकारी बैंक का सर्वर किया गया निशाना
हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है। राज्य सहकारी बैंक के सर्वर को हैक कर साइबर अपराधियों ने 11.55 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि चुरा ली। इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए ठगों ने बैंक के चंबा जिले की हटली शाखा के एक खाताधारक का मोबाइल फोन हैक किया और उसी के ज़रिए बैंक की मोबाइल एप ‘हिम पैसा’ में घुसपैठ कर सर्वर को निशाना बनाया।
11-12 मई को दिया गया अंजाम, 14 मई को हुआ खुलासा यह साइबर अटैक 11 और 12 मई को हुआ, लेकिन 13 मई को अवकाश होने के चलते आरबीआई की दैनिक रिपोर्ट नहीं मिल सकी और ठगी की जानकारी नहीं मिल पाई। 14 मई को रिपोर्ट आने के बाद जब बैंक प्रबंधन ने आंकड़े खंगाले, तब इस घोटाले का पता चला। बैंक प्रशासन ने तुरंत ही शिमला के थाना सदर में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने इसे ज़ीरो एफआईआर के रूप में दर्ज कर साइबर पुलिस स्टेशन शिमला को स्थानांतरित कर दिया।
20 खातों में ट्रांसफर की गई रकम, फ्रीज़ की गई राशि जांच में सामने आया है कि साइबर ठगों ने कुल राशि को 20 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया। हालांकि समय रहते बैंक ने यह राशि होल्ड कर दी है, जिससे नुकसान से बचा जा सका है। बैंक के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (CISO) की ओर से पुलिस में लिखित शिकायत दी गई है।
सीईआरटी-इन करेगी जांच घटना की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN) को सौंपी गई है। यह संस्था भारत में साइबर हमलों से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत है। दिल्ली से सीईआरटी-इन की टीम शनिवार को शिमला पहुंचकर बैंक के डाटा सेंटर में जांच करेगी। टीम यह भी जांचेगी कि हिम पैसा एप को कैसे हैक किया गया और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
ग्राहकों का पैसा सुरक्षित: बैंक एमडी राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा ने बताया कि बैंक के ग्राहकों की जमा पूंजी पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर की गई राशि को होल्ड कर लिया गया है और साइबर इंश्योरेंस के तहत यदि कोई नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बैंक अब सुरक्षा को और मज़बूत करने के लिए जल्द ही इन्फोसिस के ‘फिनेकल-10’ सॉफ़्टवेयर पर शिफ्ट हो रहा है, जिसका उपयोग देश के प्रमुख बैंक कर रहे हैं।
