ईरान के तनाव के बीच बहरीन-अमेरिका परमाणु समझौता: क्या हैं इसके निहितार्थ?

19 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Internatinal Desk: ईरान के तनाव के बीच अमेरिका और बहरीन ने किया सिविल न्यूक्लियर समझौता, रणनीतिक साझेदारी की ओर बड़ा कदम

मध्य पूर्व में ईरान के बढ़ते परमाणु प्रभाव और क्षेत्रीय तनाव के बीच बहरीन ने अमेरिका के साथ एक अहम समझौता किया है। दोनों देशों ने एक सिविल न्यूक्लियर कोऑपरेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य बहरीन को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा विकसित करने में मदद देना है।

अमेरिका देगा तकनीकी और मानव संसाधन सहयोग
इस समझौते के तहत अमेरिका बहरीन को न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी, रिसर्च, सुरक्षा मानकों और स्किल डेवलपमेंट में सहयोग देगा। बहरीन ने 2060 तक कार्बन न्यूट्रल बनने का लक्ष्य तय किया है और यह डील उसी दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

ईरान को परोक्ष संदेश?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील सिर्फ एक ऊर्जा समझौता नहीं, बल्कि अमेरिका की ओर से ईरान को एक कूटनीतिक संदेश भी है। संकेत यह है कि अगर ईरान सहयोगी रवैया अपनाता है, तो उसे भी अंतरराष्ट्रीय सहयोग मिल सकता है।

SMRs: छोटे देश के लिए बड़ी तकनीक
बहरीन जैसे छोटे देश के लिए Small Modular Reactors (SMRs) गेमचेंजर साबित हो सकते हैं। ये कॉम्पैक्ट, किफायती और आसानी से संचालित होने वाले रिएक्टर हैं। यूएई की तरह, बहरीन भी विदेशी तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से इन्हें अपनाने की योजना बना रहा है।

निवेश के साथ कनेक्टिविटी का विस्तार
इस समझौते के साथ बहरीन ने अमेरिका में लगभग 17 अरब डॉलर के निवेश की भी घोषणा की है। निवेश एविएशन, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रीज में किया जाएगा। साथ ही, एक 800 किलोमीटर लंबा सबमरीन फाइबर ऑप्टिक केबल प्रोजेक्ट भी शुरू होने जा रहा है, जो बहरीन को सऊदी अरब, कुवैत और इराक से जोड़ेगा।

दशकों पुराने संबंध और नई रणनीतिक दिशा
बहरीन और अमेरिका के संबंध पहले से ही मजबूत हैं। अमेरिकी नौसेना की Fifth Fleet का मुख्यालय बहरीन में है और दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और अब्राहम अकॉर्ड्स जैसे समझौते पहले से मौजूद हैं। ऐसे में यह न्यूक्लियर डील न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में, बल्कि रणनीतिक और भू-राजनीतिक स्तर पर भी साझेदारी को नई दिशा देती है।

यह समझौता दर्शाता है कि अमेरिका अब अपने भरोसेमंद सहयोगियों को ऊर्जा सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता के जरिये मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।