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Avdheshanand Giri Maharaj Life lesson. Maintain balance in your thoughts, words and deeds. If you maintain self-confidence, then nothing is rare for you. | स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: मन, वचन और कर्म में संतुलन होना चाहिए, आत्मविश्वास हो तो हमारे लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं है

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  • अवधशानंद गिरि महाराज लाइफ लेसन। अपने विचारों, शब्दों और कर्मों में संतुलन बनाए रखें। यदि आप आत्मविश्वास बनाए रखते हैं, तो आपके लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं है।

हरिद्वार27 मिनट पहले

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आत्मविश्वास हो तो हमारे लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं है। जो असंभव दिखाई देता है, वह भी संभव हो सकता है। जो व्यक्ति आलसी है अथवा जो कर्मशील नहीं है, उसके लिए कोई काम असंभव हो सकता है। कर्म एक बीज है, उसका बड़ा सुंदर फल मिलता है। हम जो कुछ कर रहे हैं, वह शुभ होना चाहिए। ये आवश्यक है कि हमारे मन, वचन, कर्म संतुलन रहे। हम श्रद्धा से भरे रहें और जब हममें गहरा विश्वास रहता है, तब आशावादिता पैदा होती है, विजय का भाव पैदा होता है।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए लक्ष्य कैसे पूरे होते हैं?

आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

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