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- अवधशानंद गिरि महाराज लाइफ लेसन। अगर हमारे आस -पास संघर्ष और घृणा है तो हमारा मन भी व्यथित हो जाता है।
हरिद्वार5 दिन पहले
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देश, काल, परिस्थिति और आसपास का वातावरण हमें प्रभावित करता है। हम जिस वातावरण में, जिस परिवेश में रहते हैं, वहां की चीजों से अप्रभावित नहीं रह सकते है। अगर कहीं कलह है, घृणा का वातावरण है, तब हमारा मन भी दूषित होता है, मन में विकृतियां आती हैं। मन के यही विकार हमें पतन की ओर ले जाते हैं। हमें अच्छी संगति में, अच्छे संस्कारों के साथ रहना चाहिए।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमें प्रसन्नता कैसे मिल सकती है?
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