होशियारपुर, 13 सितंबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Punjab Desk: धान की कटाई के बाद खेतों में बची हुई पराली का सही ढंग से प्रबंधन न होने के कारण यह एक गंभीर पर्यावरणीय चिंता का विषय बना हुआ है। इसी समस्या से निपटने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पंजाब द्वारा किसानों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर विभिन्न प्रयास किए जाते हैं।
इसी कड़ी में ब्लॉक होशियारपुर-2 में पराली प्रबंधन अभियान की शुरुआत मुख्य कृषि अधिकारी दपिंदर सिंह के दिशा-निर्देशों अनुसार की गई। सी.आर.एम. स्कीम 2025-26 के अंतर्गत दिनांक 12 सितंबर को ब्लॉक कृषि अधिकारी दीपक पुरी के नेतृत्व में सरकारी अस्पताल बडला में आशा वर्करों के साथ विशेष बैठक आयोजित की गई।
बैठक की शुरुआत करते हुए धर्मवीर शारद, कृषि विकास अधिकारी, होशियारपुर-2 ने पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण, मिट्टी की उर्वरक क्षमता में कमी तथा पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आशा वर्करों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के किसानों को पराली न जलाने और उसे खेतों में मिलाकर अगली फसलों की बुवाई के लिए उपयोग करने हेतु प्रेरित करें। इससे भूमि में जैविक पदार्थ बढ़ेगा और उत्पादन क्षमता में सुधार होगा।
इस अवसर पर परमिंदर सिंह, कृषि विस्तार अधिकारी, महिलांवाली ने मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी और मित्र कीटों की घटती संख्या पर चिंता जताई। उन्होंने पराली प्रबंधन के विकल्पों तथा विभाग की ओर से किसानों और सहकारी सभाओं को सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई जा रही मशीनरी जैसे सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, उल्टावां हल, रोटरी स्लैशर, बेलर और रेक की उपयोगिता पर विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में सरकारी अस्पताल बडला के एस.एम.ओ. डॉ. मनप्रीत सिंह बैंस, स्टाफ सदस्य गुरमेल सिंह तथा कृषि विभाग से अमरदीप पाल व जसप्रीत सिंह सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद थे।