पीरियड्स में कर रही हैं ये योगासन? तुरंत सावधान हों, सेहत पर पड़ सकता है गंभीर असर

पीरियड्स में इन योगासनों से बनाएं दूरी, वरना हो सकता है सेहत को नुकसान                      अगर आप या आपकी कोई सहेली नियमित रूप से योगाभ्यास करती हैं

29 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Health Desk: पीरियड्स में इन योगासनों से बनाएं दूरी, वरना हो सकता है सेहत को नुकसान                      अगर आप या आपकी कोई सहेली नियमित रूप से योगाभ्यास करती हैं और इस दौरान मासिक धर्म से गुजर रही हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि किन योगासनों से इस समय बचना चाहिए और क्यों।

मासिक धर्म के दौरान हल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग मूड स्विंग्स और दर्द से राहत दिला सकती है, लेकिन कुछ विशेष योगासन इस दौरान आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। दरअसल, पीरियड्स के समय शरीर में हार्मोनल बदलाव, ब्लड फ्लो और मांसपेशियों में तनाव जैसी स्थितियां होती हैं। ऐसे में कुछ योग मुद्राएं—जो सामान्य दिनों में फायदेमंद होती हैं—पीरियड्स के समय पेट और पीठ के दर्द को बढ़ा सकती हैं, अत्यधिक ब्लीडिंग का कारण बन सकती हैं या थकावट और चक्कर जैसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

नीचे दिए गए योगासनों से पीरियड्स के दौरान बचना चाहिए:

शीर्षासन: यह योगासन शरीर को उल्टी स्थिति में ले जाता है, जिससे रक्त सिर की ओर जाता है। पीरियड्स में इससे यूटरस पर दबाव बढ़ता है, जिससे चक्कर आने और असहजता की संभावना रहती है।

सर्वांगासन: यह पूरा शरीर उल्टा करने वाला आसन है जो थायरॉइड और पिट्यूटरी ग्रंथियों को सक्रिय करता है। लेकिन पीरियड्स में यह नेचुरल ब्लड फ्लो को बाधित करता है और हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है।

हलासन: इस आसन में शरीर मुड़ता है और पेट व कमर पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे दर्द और ब्लीडिंग बढ़ सकती है। गर्भवती महिलाओं को भी इससे बचना चाहिए।

कपालभाति प्राणायाम: तीव्र गति से सांस छोड़ने की यह प्रक्रिया पेट पर दबाव बनाती है, जिससे पीरियड्स के दौरान थकावट या चक्कर आ सकते हैं।

नौकासन: पेट और जांघों की मांसपेशियों को टारगेट करने वाला यह आसन पीरियड्स में मांसपेशियों के खिंचाव और दर्द को बढ़ा सकता है।

ध्यान दें: यह लेख योग विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित है। योगासन की सही विधि और उपयुक्तता के लिए किसी प्रमाणित योग प्रशिक्षक से सलाह जरूर लें।